मिसाल: कोरोना महामारी के बीच इस डॉक्टर ने मार्च से अबतक नहीं ली एक भी छुट्टी
वॉरेन एक मेडिकल मैवरिक और एक दयालु आत्मा हैं. मीडिया एपियरिंस के दौरान उन्होंने अनुमान लगाया था कि, यह सर्दियां "मॉर्डन अमेरिकी मेडिकल इतिहास” के सबसे काले दिन होंगे. बावजूद इसके उनका उद्देश्य अटल रहा.
कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है. इस दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने गजब की मिसाल पेश करते हुए दिन रात मरीजों का इलाज किया है. यूएस में भी 58 वर्षीय चिकित्सक और ह्यूस्टन के यूनाइटेड मेमोरियल मेडिकल सेंटर में चीफ ऑफ स्टाफ वॉरेन ने मार्च से अब तक 267 दिनों में एक भी छुट्टी नहीं ली है.वह लगातार कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
महामारी फैलने पर छुट्टी नहीं ली जा सकती है
वाशिंगटन पोस्ट से बातचीत के दौरान वॉरेन ने कहा कि, ‘जब देश में कोई महामारी फैल रही हो, तो कोई छुट्टी नहीं हो सकती है, सोचिए आपकी कोविड-19 यूनिट में 45 से ज्यादा मरीज भरे हुए हैं और आपका स्टाफ भी थक चुका है तो छुट्टी के बारे में कैसे सोचा जा सकता है. मेडिसिन के लिए वॉरेन के जुनून ने उनके दृढ़ संकल्प को "इस चीज़ को धरातल पर उतारा है". वह कहते हैं कि, "मैं ऐसा करने के लिए ही था."
वॉरेन की बुजुर्ग मरीज को गले लगाने की तस्वीर ने राष्ट्र का ध्यान खींचा
वॉरेन एक मेडिकल मैवरिक और एक दयालु आत्मा हैं. मीडिया एपियरिंस के दौरान उन्होंने अनुमान लगाया था कि, यह सर्दियां "मॉर्डन अमेरिकी मेडिकल इतिहास” के सबसे काले दिन होंगे. बावजूद इसके उनका उद्देश्य अटल रहा. वॉरेन की अपने पेशे के प्रति अथक भक्ति शायद गो निकुमारा द्वारा सबसे अच्छी तरह से चित्रित की गई थी, जिन्होंने पीपीई-क्लैड डॉक्टर को एक बुजुर्ग मरीज को गले लगाने के दौरान अपने कैमरे में कैद कर लिया था.इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था और इसने राष्ट्र के ध्यान को अपनी और खींच लिया था.
कोरोना काल युद्ध जैसी स्थिति है
बता दें कि वॉरेन और चार दूसरे क्रिटिकल केयर फिजिशियन और वैज्ञानिक कोविड -19 की रोकथाम और उपचार के लिए प्रोटोकॉल के शोध और विकास के प्रयासों में शामिल हैं. वॉरेन कहते है कि, “कोरोना संक्रमण काल एक युद्ध जैसी स्थिति है, यहां आप अगले बम के गिरने का इंतज़ार नहीं कर सकते हैं, बल्कि आपके पास जो कुछ भी उपलब्ध है, उसे आपको ग्रैब करना होता है और वापस लड़ना पड़ता हैं, वे कहते हैं कि, आप आराम से बैठकर इलाज का आसमान से गिरने का इंतजार नहीं कर सकते हैं. ” वॉरेन ने यह भी दावा किया है कि ट्रीटमेंट कॉकटेल ने महामारी के दौरान यूएमसीसी में रोगियों की मृत्यु दर लगभग 6 प्रतिशत रखी है. न्यू यॉर्क के अस्पतालों में जर्नल ऑफ़ हॉस्पिटल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, न्यूयॉर्क में मृत्यु दर मार्च में 25 प्रतिशत तक पहुंच गई थी जो कि अगस्त में घटकर 7.6 रह गई.
कई पुरस्कारों से किए जा चुके हैं सम्मानित
मैक्सिको सिटी में जन्मे और पले-बढ़े, न्यूमोलॉजी, गहन चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा और जराचिकित्सा में स्पेशलाइजेशन रखने वाले वॉरेन 290,000 से ज्यादा अमेरिकियों की मौत की वजह बने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित थे. अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए वॉरेन को कई पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. हाल ही में कोरोन काल में आवश्यक और उत्कृष्ट कार्य" के लिए ह्यूस्टन में "डॉ. जोसेफ वरॉन डे" की भी घोषणा की गई थी.
ये भी पढ़ें बाइडेन ने कहा- मेरे कार्यकाल के पहले दिन पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होगा अमेरिका अमेरिका: कृषि कानून के विरोध में खालिस्तानियों ने किया गांधी की प्रतिमा का अनादर, भारतीय दूतावास ने की निंदा