Afghan Exit: अमेरिका ने अफरा-तफरी में छोड़ा अफगानिस्तान, बाइडेन ने मानी US की गलती लेकिन...
US Afghan Exit: रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान से आनन-फानन में अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके पीछे खुफिया विफलता और डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन जिम्मेदार रहा.
America: व्हाइट हाउस ने अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के लिए डोनाल्ड ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही इसे एक बड़ी खुफिया विफलता माना है. बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि यह फैसला काफी विवशता और आनन-फानन में लिया गया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने स्वीकार किया कि ट्रंप प्रशासन से गलतियां हुई थी, जिसके कारण तालिबान ने हफ्तों के भीतर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया. जिससे अमेरिकी सैनिकों और उनके सहयोगियों को एक मजबूरन अफगानिस्तान से निकलना पड़ा. इस संबंध में व्हाइट हाउस ने 12 पन्नों को एक दस्तावेज जारी किया है. इस रिपोर्ट को कई कांग्रेस कमेटियों को भी भेजा गया है.
ट्रंप सरकार को ठहराया जिम्मेदार
12 पन्नों की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान से आनन-फानन में अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके पीछे खुफिया विफलता रही. साथ ही कुछ निर्णय गलत साबित हुए. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रशासन ने तालिबान के साथ अमेरिकी सैन्य की वापसी के लिए एक समझौते पर बातचीत की थी. इसी समझौते को पूरा करने के लिए बाइडेन ने अमेरिकी सेना को वापस बुलाया.
हालांकि इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर इस बात को स्वीकार किया गया है कि अमेरिकी खुफिया विभाग तालिबान की ताकत और अफगान सरकारी बलों की कमजोरी को समझने में विफल रही. जॉन किर्बी ने कहा कि हमें सही जानकारी नहीं मिल पाई.
रिपोर्ट में कहा गया कि जब जो बाइडेन ने 20 जनवरी 2021 को पदभार संभाला तब तक देर हो चुकी थी. आधे से ज्यादा अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जा कर चुका था. उनकी स्थिति बेहद मजबूत थी. हम उनका सामना करने की स्थिति में नहीं थे. ऐसा इसलिए क्योंकि तब हमारे पास 2500 सैनिक अफगानिस्तान में थे, जो 2001 के बाद सबसे कम थे. ऐसे में बाइडेन प्रशासन अमेरिकी सैनिकों का जान जोखिम में नहीं डाल सकती थी.
सैन्य वापसी पर गर्व है
आखिरकार जॉन किर्बी ने मीडिया से कहा कि बाइडन प्रशासन को अफगानिस्तान से अपनी सैन्य वापसी पर ‘गर्व‘ है. गौरतलब है कि अफगानिस्तान से निकलने के दौरान आईएसआईएस की अफगानिस्तान गुट द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट में 13 अमेरिकी सेवा सदस्यों सहित कम से कम 175 लोग मारे गए.
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