इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में अमेरिका (US) के नए राजदूत (Ambassador) डोनाल्ड ब्लोम (Donald Blom) ने कहा है कि उनका देश इस्लामाबाद के साथ मजबूत दोतरफा संवाद करना चाहता है. एक खबर में यह जानकारी दी गई है. खबर के अनुसार ब्लोम ने संकेत दिया कि उनके देश का इरादा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा अमेरिका पर लगाये गये ‘‘सत्ता परिवर्तन’’ के आरोपों की अनदेखी कर आगे बढ़ने का है और अमेरिका पाकिस्तान के साथ मजबूत दोतरफा संचार करने को तैयार है.
राजदूत ब्लोम ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर जबरदस्त चुनौतियों के बीच पिछले महीने के अंत में पाकिस्तान में अमेरिकी मिशन का कार्यभार संभाला था. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री खान ने आरोप लगाया था कि उन्हें ‘सत्ता परिवर्तन’ के लिए एक अमेरिकी साजिश के माध्यम से हटा दिया गया था. खान को 10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. अमेरिका हालांकि खान के आरोपों का कई बार खंडन कर चुका है.
राजदूत ने एक अखबार को दिया इंटरव्यू
ब्लोम ने ‘डॉन’ अखबार को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान के ‘सत्ता परिवर्तन’ के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वाशिंगटन का इस बारे में ‘‘बहुत स्पष्ट’’ विचार है. अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘‘हालांकि, मुझे लगता है कि एक सबसे अच्छी बात जो हम आगे कर सकते हैं, यह है पाकिस्तानी समाज के सभी स्तरों पर जुड़ना जारी रखना, जैसा कि हम पिछले 75 वर्षों से कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह जुड़ाव केवल सरकार तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि राजनीतिक नेताओं, व्यापारिक समुदाय, नागरिक समाज और युवाओं तक होगा. ब्लोम ने कहा कि इस दोतरफा संचार में, वह ‘‘सुनेंगे और समझेंगे’’ कि यहां क्या हो रहा है और वाशिंगटन को ‘‘उस समझ से अवगत कराएंगे.’’
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने 18 मई को न्यूयॉर्क में एक खाद्य सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी. ब्लोम ने कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों द्वारा अपनी बैठक में तय किये गये एजेंडे के आधार पर कई योजनाएं बनाई जा रही है.
राजदूत ने कहा इन क्षेत्रों में सहयोग का हो सकता है विस्तार
राजदूत (Ambassador) ने वैश्विक कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के खिलाफ दोनों देशों के बीच ‘‘साझेदारी’’ को स्वास्थ्य पर सहयोग के एक अच्छे उदाहरण के रूप में याद किया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य (Health), जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और शिक्षा (Education) समेत अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग का विस्तार किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें:
पूर्व सहयोगी का दावा: इमरान खान ने माना- हां मुझसे गलतियां हुईं