US On Russia-Ukraine War: यूक्रेन (Ukraine) में अमेरिका (America) की राजदूत ब्रिजेट ए ब्रिंक (Bridget A Brink ) ने बुधवार (5 जुलाई) को कहा कि ग्लोबल लेवल पर बढ़ते कद और जी-20 की मौजूदा अध्यक्षता के साथ यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने में भारत अहम योगदान दे सकता है. कुछ भारतीय पत्रकारों के लिए एक विशेष ऑनलाइन ब्रीफिंग में ब्रिंक ने कहा कि अलग-अलग ग्लोबल चुनौतियों के समाधान में भारत का नेतृत्व अहम है.
अमेरिका की राजदूत ब्रिजेट ए ब्रिंक ने कहा कि ग्लोबल साउथ पर युद्ध के विपरीत प्रभाव को लेकर नई दिल्ली की बढ़ती चिंता इस बात की जमीन तैयार करती है कि वह संकट को कम करने में भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि अमेरिका स्वतंत्रता और लोकतंत्रों का समर्थन करने के लिए भारत समेत दुनियाभर में अपने सभी साझेदारों और सहयोगियों के साथ काम करने की उम्मीद रखता है.
'भारत के लोग संप्रभुता को समझते हैं'
यूक्रेन में अमेरिकी राजदूत ब्रिंक ने कहा कि कीव (यूक्रेन की राजधानी) से हर दिन मैं दो चीज़ें देखती हूं. जंग के विनाशकारी प्रभाव और यूक्रेनी लोगों की क्षमता और जुझारूपन. राजदूत ने कहा कि ग्लोबल नेतृत्व के लिए भारत की आकांक्षाएं और जी-20 की एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य थीम के जरिए सामूहिक कार्रवाई का उसका आह्वान उस भावना को दर्शाता है, जो शांति को हासिल करने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि युद्ध का ग्लोबल अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर में उल्लिखित बुनियादी सिद्धांतों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है.
ब्रिंक ने कहा कि मैं जानती हूं कि भारत के लोग संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की स्वतंत्रता के महत्व को समझते हैं और भारत के नेताओं ने इन आधारभूत सिद्धांतों के बारे में बात की है. ब्रिंक ने लोकतंत्र और कानून के शासन पर आधारित वैश्विक व्यवस्था को बनाए रखने के प्रयासों के लिए भी भारत की सराहना की.
'आज का युग युद्ध का नहीं'
ब्रिंक ने कहा कि इस साल जी-20 की अध्यक्षता के साथ आपके देश का नेतृत्व वैश्विक घटनाक्रमों को आकार देने के लिए अहम है जिसमें यूक्रेन जैसे स्थान भी शामिल हैं. भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अब तक निंदा नहीं की है. भारत संघर्ष का वार्ता और कूटनीति के जरिए समाधान करने पर जोर दे रहा है.
पिछले साल सितंबर में उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है और रूसी नेता को संघर्ष खत्म करने के लिए प्रेरित किया था.