Anti-Hijab Protest : ईरान के दिग्गज नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोमवार को हिजाब मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अमेरिका और इजरायल पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कहा कि दोनों देशों ने मिलकर महसा अमिनी की मौत पर आक्रोश से पैदा हुई राष्ट्रव्यापी अशांति को भड़काने के लिए साजिश रची थी.


उन्होंने कहा कि "मैं साफ तौर पर कहता हूं कि इस दंगे में अमेरिका और देशद्रोही ईरानियों का हाथ था". उन्होंने ईरान को अस्थिर करने के लिए विरोध-प्रदर्शनों को विदेशी साजिश करार देते हुए इसकी तीखी निंदा भी की है. 




क्यों शुरू हुआ था आंदोलन 

 

बता दें कि 22 साल की महसा अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इसके बाद पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया था. अमीनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन साल 2019 के बाद का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है. बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन में करीब 92 लोगों की जान भी जा चुकी है. इसके अलावा तेहरान में मौजूद सुरक्षा बलों ने रातों-रात वहां के सैकड़ों विश्वविद्यालय के छात्रों पर कार्रवाई भी किया है.


खामेनेई ने क्या कहा   

 

महसा अमीनी की मौत के बाद अपनी पहली जनसभा में 83 साल के खामेनेई ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस को "अपराधियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए" इसके अलावा उन्होंने यह भी  कहा कि "जो कोई भी पुलिस पर हमला करता है वह लोगों को अपराधियों, ठगों, चोरों के खिलाफ असहाय छोड़ देता है". उन्होंने कहा कि "बच्ची की मौत ने हमारा दिल तोड़ दिया," लेकिन कुछ लोगों ने बिना जांच और सबूत के सड़कों पर काफी भयावह स्थिति पैदा कर दी है. कुरान को जला दिया है, महिलाओं से हिजाब को हटा दिया और मस्जिदों और कारों में आग लगा दी गई है.


ईरान के विज्ञान मंत्री भी छात्रों को शांत करने पहुंचे 

 

तेहरान के मशहूर शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में छात्रों पर रातों रात की गई कार्रवाई काफी चिंताजनक हैं, वहां के स्थानीय मीडिया ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शन में मौजूद सैकड़ों छात्रों के खिलाफ आंसू गैस और पेंटबॉल गन का भी इस्तेमाल किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के विज्ञान मंत्री मोहम्मद अली ज़ोलफिगोल स्थिति को शांत करने के लिए छात्रों से बात करने आए थे.


ईरान ह्यूमन राइट्स ने पोस्ट किया एक वीडियो

 

ओस्लो में स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स ने एक वीडियो पोस्ट भी किया है, जिसमें पुलिस  मोटरसाइकिल से छात्रों का पीछा कर रही थी. बता दें कि उन छात्रों के सिर काले कपड़े के बैग से ढके हुए थे. IHR ने एक वीडियो क्लिप भी जारी किया गया है उसे तेहरान मेट्रो स्टेशन पर शूट किया गया था. उसमें भीड़ को यह कहते हुए साफ सुना जा सकता है: "डरो मत! डरो मत! हम सब एक साथ हैं!"

जर्मनी के विदेश मंत्री ने क्या कहा

 

जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने ट्वीट किया, "ईरान में शरीफ विश्वविद्यालय में जो हो रहा है, उसे सहन करना मुश्किल है. ईरानियों का साहस अविश्वसनीय है". ईरान में न्यूयॉर्क स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि वह "आज शरीफ विश्वविद्यालय और तेहरान से बाहर आने वाले वीडियो से बेहद चिंतित हैं,जिसमें विरोध प्रदर्शनों को हिंसक दिखाया गया है ."


ईरान ने लगाए गंभीर आरोप 

 

मेहर समाचार एजेंसी ने बताया कि शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने कहा है कि "हाल की घटनाओं और छात्रों की सुरक्षा की आवश्यकता के कारण सभी कक्षाएं सोमवार से ऑनलाइन की जाएंगी". ईरान ने बार-बार बाहरी ताकतों पर विरोध प्रदर्शन करने का आरोप लगाया है और पिछले हफ्ते यह भी कहा था कि फ्रांस,जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और पोलैंड सहित नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है.

 

आईएचआर ने कहा 41 लोगों की हो चुकी है मौत    

 

आईएचआर ने स्थानीय सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा सेसटे ईरान के दक्षिण पूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में शुक्रवार को हुई झड़पों में  41 और लोगों की मौत हो गई है.

 

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