वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने फोर्ड मोटर कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी को उत्तर कोरिया के लिए अपना विशेष दूत नियुक्त किया और कहा कि वह दोनों अगले हफ्ते उत्तर कोरिया का दौरा करेंगे. पोम्पिओ ने घोषणा की कि उन्होंने परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण को लेकर उत्तर कोरिया से नियमित बातचीत करने के लिए स्टीफन बीगन को चुना है.


पोम्पिओ, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं और अप्रैल से अब तक तीन बार उत्तर कोरिया जा चुके हैं. हालांकि बातचीत में प्रगति के कुछ खास परिणाम नजर नहीं आए हैं. पोम्पिओ ने कहा कि वह और बीगन उत्तर कोरिया के अंतिम एवं पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के “अपने उद्देश्य में आगे की कूटनीतिक प्रगति करने के लिए’’ वहां जाएंगे.


पोम्पिओ ने इस यात्रा के बारे में अन्य कोई जानकारी नहीं दी. विदेश मंत्रालय में संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने और बीगन ने याद दिलाया कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने जून में ट्रंप के साथ हुई ऐतिहासिक वार्ता में कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने की प्रतिज्ञा ली थी. बीगन ने कहा, “मुद्दे जटिल हैं और इनको सुलझाना भी मुश्किल होगा.”


माइक पोम्पियो ने पिछले महीने उत्तर कोरिया की यात्रा की थी. इस कारण भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू प्लस टू मीटिंग को टाल दिया गया था. इस मीटिंग में भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों की बैठक होने वाली थी. बाद में इस बैठक को टालने के लिए पोम्पियो ने सुषमा स्वराज से खेद प्रकट किया था.


जून महीने में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सिंगापुर में हुई थी. इस बैठक में परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण चर्चा की गई थी.