नई दिल्लीः अमेरिकी सेना के डेल्टा विंग ने अबु बकर अल बगदादी को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई है. जब बगदादी अपने आप को सुंरग के भीतर डेल्टा फोर्स से घिर गया तभी उसने खुद को उड़ा लिया. अमेरिकी आर्मी की शीर्ष कमांडो यूनिट डेल्टा फोर्स में शामिल होने के लिए सैनिकों को कड़ी ट्रेनिग दी जाती है. इसकी ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि आम आदमी इसके बारे में सोच भी नहीं सकता है.


डेल्टा फोर्स की ट्रेनिंग रात के अंधेरे में उबड़-खाबड़ घने जंगलों में होती है. ट्रेनिंग के दौरान भारी-भरकम बोझ लेकर जवानों को दौड़ लगानी होती है. अमेरिकी सेना के अधिकारी या जवान जब इस जॉब के लिए जब आवेदन देते हैं तो सबसे पहले उन्हें प्लेन से कूदने की महारत हासिल करनी होती है. इनसाइड डेल्टा फोर्स किताब में लेखक ने इस बात की जानकारी साझा की है.


कई खतरनाक ऑपरेशन्स को दे चुका है अंजाम


डेल्टा फोर्स साल 1980 से कई खतरनाक ऑपरेशनों को अंजाम दे चुकी है. राजनीतिक बंदियों को छुड़ाना हो या आईएसआईएस के आतंकियों का सफाया करना हो डेल्टा फोर्स हमेशा तैयार रहती है. युद्ध लड़ना हो या फिर इराकी मिसाइलों को शिकार बनाना हो डेल्टा विंग ने हर जगह अपने झंडे गाड़े हैं.


जानकारी के मुताबिक डेल्टा फोर्स की स्थापना कर्नल चार्ल्स बेकविद ने की थी. बेकविद ने 1960 के दौरान ब्रिटिश स्पेशल एयर सर्विस में एक्सचेंज ऑफिसर के तौर पर मलेशिया में कम्युनिस्ट गुरिल्ला के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था.


अनुभवी अधिकारी ही शामिल हों


बेकविद का मानना था कि सेना के अंदर एक ऐसी टीम होनी चाहिए जो शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत हो. उनका मानना था कि यह विंग स्वतंत्र तौर पर काम करने में सक्षम हो. वह चाहते थे कि इसमें केवल अनुभवी अधिकारी और नॉन कमीशन्ड ऑफिसर्स ही शामिल हों.


डेल्टा फोर्स को जानबूझकर इस तरह से ट्रेंड किया जाता है कि खतरनाक और असंभव माने जाने वाले ऑपरेशनों में शामिल होने की हिम्मत रखने वाले लोग ही इसमें पहुंच सकें. हालांकि, अमेरिकी आर्मी डेल्टा फोर्स के अस्तित्व को आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं करती है.


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