नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर अमेरिका के आक्रमण के बाद एक बड़ा सवाल है कि दुनिया पर इसका क्या असर पड़ेगा? गौरतलब है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया के कई देशों से अमेरिका के रिश्ते में बड़ा बदलाव आया है. सीरिया के मुद्दे को लेकर पहले से रूस से ट्रंप की तनातनी चल रही है और अब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर अबतक का सबसे बड़ा हमला कर दिया है.


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विश्व राजनीति पर इसका क्या असर पड़ सकता है?


अफगानिस्तान के नांगरहार में अमेरिका ने अब तक का सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराया है, लेकिन जो हालात हैं उसको देखकर ये करीब करीब तय है कि इस बम की गूंज दुनिया के दूसरे देशों में भी सुनाई पड़ेगी.


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अमेरिकी हमले का पाकिस्तान पर असर


अमेरिका ने अफगानिस्तान में जहां बम गिराया है, वहां से पाकिस्तान की तोरहाम बॉर्डर की दूरी महज 60 किमी है, लेकिन मसला केवल दूरी का नहीं हैं.


अमेरिका ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के गढ़ पर GBU-43 को गिराया है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो पाकिस्तान के लिए ये चेतावनी है कि वो अब अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, वरना अमेरिका का अगला निशाना उसके वो ठिकाने हो सकते हैं जहां आतंकवादी संगठन फल फूल रहे हैं.


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अमेरिकी हमले का अरब देशों पर असर


अमेरिका ने जिस आतंकवादी संगठन आईएसआईस के ठिकाने पर अफगानिस्तान में हमला किया है, वो इस वक्त सीरिया और इराक में सबसे ज्यादा सक्रिय है. इसके अलावा सीरिया में रासायनिक हमले को लेकर वहां के राष्ट्रपति बशर अल असद पहले से ट्रंप के निशाने पर हैं.


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ऐसे में अब सबकी नजर इस बात पर है कि ट्रंप आईएसआईएस के खिलाफ अपना अभियान केवल अफगानिस्तान तक सीमित रखते हैं या फिर वो इराक और सीरिया के उन इलाकों का भी रुख करते हैं जहां आईएसआईएस ने कब्जा कर रखा है.


अमेरिकी हमले का रूस-चीन पर असर


ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद रूस और चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते में जबरदस्त तल्खी आयी है. सीरिया के मसले को लेकर ट्रंप और पुतिन एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंककर खड़े हो चुके हैं. वहीं दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन के साथ ट्रंप की तनातनी चल रही है. ऐसे में अब सबकी नजर इस बात पर है कि दोनों देश अफगानिस्तान में अमेरिका हमले को किस रूप में लेते हैं.


अमेरिकी हमले का उत्तर कोरिया पर असर


परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह किम जोंग लंबे समय से अमेरिका की आंखों में खटक रहा है. उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट और रासायनिक हथियारों को लेकर ट्रंप किम जोंग को चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन किम जोंग ने दो टूक शब्दों में कहा कि वो अमेरिका से डरने वाला नहीं हैं. सीरिया पर अमेरिकी हमले को लेकर भी उत्तर कोरिया ने ट्रंप पर निशाना साधा था.


ऐसे में माना जा रहा है कि अफगानिस्तान हमले के बाद उत्तर कोरिया से अमेरिका के रिश्ते में भी कोई बड़ा बदलाव दिख सकता है. वैसे विश्व राजनीति की जो हालत है, उसमें ये तय है कि इस बम की गूंज काफी दूर तलक जायेगी.