वॉशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान को 35 करोड़ डॉलर की मदद नहीं देने का फैसला किया है. यह कदम तब उठाया गया जब रक्षा मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद की तरफ से कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ‘पर्याप्त कदम’ उठाए जाने की वे बारे पुष्टि नहीं कर सकते. पाकिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क पर युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में अमेरिका और पश्चिमी देशों के हितों पर कई बार हमले करने का आरोप है.
आतंकी गुट पर काबुल में भारतीय मिशन पर 2008 में बमबारी सहित अफगानिस्तान में भारतीय हितों के खिलाफ कई घातक हमलों का भी इल्जाम है. साल 2008 में बम हमले में 58 लोगों की मौत हो गयी थी. पेंटागन ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री मैटिस ने कांग्रेस की रक्षा समितियों को अवगत कराया है कि वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकते कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कदम उठाया है.’’
यह लगातार दूसरा साल है जब अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को पुष्टि करने से इंकार कर दिया कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई की है. मैटिस के के पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री रहे एस्टन कार्टर पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री थे जिन्होंने इस बात की पुष्टि करने से मना कर दिया था. बताया गया कि रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस की तरफ से कांग्रेस को हक्कानी नेटवर्क पर पाक की कार्रवाई की जानकारी दिए जाने के बाद रक्षा विभाग ने 35 करोड़ डॉलर के फंड पर रोक लगा दी.
पेंटागन का फैसला ट्रंप प्रशासन के अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध में अमेरिकी नीति की समीक्षा के पहले उठाया गया है. स्टंप ने कहा, ‘‘इस बार (35 करोड़ डॉलर) पाकिस्तान सरकार को फंड जारी नहीं किया जाएगा क्योंकि मंत्री ने पुष्टि नहीं की है कि साल 2016 में जरूरत के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान ने क्या कदम उठाया.’’