दमिश्क: अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर हमला किया है. हमला राजधानी दमिश्क और उसके आस-पास के होम्स जैसे शहरों पर किया गया है. हमले में राजधानी के आस-पास मौजूद सीरियाई सेना और 'केमिकल रिसर्च सेंटर' को निशाना बनाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार सीरियाई सेना ने भी जवाबी हमला किया है. हमले के जवाब में रूस ने कहा है कि पुतिन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एक रूसी दूत ने चेतावनी दी है कि हमले के परिणाम के लिए तैयार रहें.


अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी ने हमले से जुड़ी अपनी अपील में कहा, "समय आ गया है कि सभी सभ्य देश मिलकर सीरियाई गृह युद्ध को समाप्त करें और इसके लिए वो अमेरिका का साथ दें जिसे पहले से जेनेवा शांति प्रयास का समर्थन हासिल है." आपको बता दें कि सीरिया में ये गृहयुद्ध साल 2011 में शुरू हुआ था. उस दौर में पूरे मिडिल ईस्ट में तानाशाही के खिलाफ एक मुहिम सी चल पड़ी थी जो सीरिया में पहुंचते-पहुंचते गृहयुद्ध में तब्दील हो गई.


Updates


4.00 PM:  फ्रांस ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीरिया केमिकल अटैक करेगा तो उस पर हवाई हमला किया जाएगा- एएफपी न्यूज एजेंसी


3.30 PM: सीरिया ने कहा कि पश्चिम का नृशंस, बर्बर हमला नाकाम होगा


2.25 PM: सीरियाई विद्रोहियों ने कहा कि जब तक असद सत्ता में बने हुए हैं, अमेरिका के ऐसे हमलों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.


2.00 PM: अमेरिका और उसके सहयोगियों के हमले के बाद मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक सीरिया के किसी नागरिक या फौजी के हताहत होने की कोई ख़बर नहीं है- रूस


1.50 PM: ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे ने कहा कि सीरिया में हुए हवाई हमले रासायनिक हथियारों के खिलाफ 'सख्त संदेश' देने वाले साबित होंगे.


1.45 PM: जर्मनी ने सीरिया में हुए हमले को जायज ठहराते हुए इसका समर्थन किया है.


1.40 PM: EU के प्रेसिडेंट ने सीरिया पर किए गए हमले को लेकर अमेरिका और सहियोगियों का समर्थन किया है.


1.30 PM: विद्रोहियों के आखिरी गढ़ दोउमा में घुसी सीरियाई आर्मी. ये वही जगह है जहां पिछले हफ्ते कथित केमिकल अटैक हुआ था.



1.20 PM: सीरिया में हुए हमले के मद्देनजर रूस ने यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी कौंसिल की आपात बैठक बुलाई- क्रेमलिन


1.10 PM: सीरिया में ब्रिटेन ने जो हमले किए हैं वो बेहद सफल रहे- ब्रिटिश मंत्री


1.00 PM- ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनी ने 'क्रिमिनल' डोनाल्ड ट्रंप, इमैनुएल मैक्रों और टेरीजा मे को सीरिया पर हमले के लिए लताड़ लगाई.


11.20 AM- फ्रांस 'तत्काल प्रभाव' से सीरिया में फिर से राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करना चाहता है- फ्रांस के एक मंत्री


11.15 AM- इस्राइल ने सीरिया पर किए गए अमेरिका और उसके सहयोगियों के हमले को जायज़ ठहराया.


10:50 AM- सीरिया के ऊपर 100 से ज़्यादा मिसाइलें दागी गईं, इनमें से काफी मिसाइलों को मार गिराया गया- रूस



10:25 AM- सीरिया पर हुए हमले पर ईरान ने चेतावनी देते हुए कहा- सीरिया के आस-पास के क्षेत्रों में इसके गंभीर परिणाम होंगे.


9:45 AM- हमले में रूसी ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा- रूस


9:00 AM- NATO (North Atlantic Treaty Organization) प्रमुख ने सीरिया पर हुए हमले का समर्थन किया. आपको बता दें कि NATO 29 देशों का मिलिट्री गठबंधन है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इसके तीन प्रमुख सदस्य हैं.


8:40 AM- सीरिया पर ये हमला तब किया गया जब इस देश के पास शांतिमय भविष्य की उम्मीद थी- रूस


8:30 AM- अमेरिका में रूस के राजदूत एंटोनी एंटोलोव ने कहा- हमने चेतावनी दी थी की ऐसे हमलों के परिणाम भुगतने पड़ेंगे. अब जो होगा उसकी ज़िम्मेदारी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की है.






अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इसलिए किया हमला



पश्चिम एशियाई देश सीरिया में कथित तौर पर रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. ये कथित रासायनिक हमला सीरियाई शहर डूमा में हुआ था. इसी के विरोध में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर मिसाइल दागे. इन देशों का मानना है कि सीरिया ने रासायनिक हथियार इस्तेमाल करके इन देशों के पास हमले के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा.


सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमले के दौरान 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. सीरिया ने केमिकल अटैक के पीछे अमेरिका का हाथ बताया था जिसके बाद अमेरिका ने अपने मित्र देशों के साथ मिलकर सीरिया पर ये हमला किया.


सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपन बयान में कहा कि इसके लिए सीरिया सरकार को समर्थन और सैन्य सहायता दे रहा रूस ज़िम्मेदार है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की इस कार्रवाई का परिणाम युद्ध हो सकता है.


किसी और हमले का कोई प्लान नहीं- अमेरिका



हमले से जुड़ी जनकारी साझा करते हुए अमेरिकी जनरल डनफोर्ड ने कहा है कि अमेरिका ने इस हमले की जानकारी रूस को पहले से नहीं दी थी. आपको बता दें की रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थक है जो इस युद्ध की स्थिति में उसे और अमेरिका को आमने-सामने लाकर खड़ा करता है.

डनफोर्ड ने जानकारी देते हुए कहा कि सीरिया में अमेरिका ने इस तरह से हमला किया है कि रूसी ठिकानों को कोई नुकसान ना पहुंचे.  अमेरिका के डिफेंस सेकेरेट्री जेम्स मैटिस ने जानकारी दी है कि इन हमलों के अलावा अब सीरिया में किसी और हमले का कोई प्लान नहीं है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि इस हमले में किसी अमेरिकी जवान के हताहत होने की कोई ख़बर नहीं है.

आशंका जताई जा रही है कि सीरिया पर अमेरिका और उसके मित्र देशों की इस कार्रवाई के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ सकते हैं और भारत में भी पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है.

ऐसा हमला इंसान नहीं बल्कि कोई दानव ही कर सकता है: ट्रंप