Indian-American: अमेरिका (America) में जाति आधारित भेदभाव के खिलाफ उठाए गए हालिया विधायी कदम देश में भारतीय-अमेरिकी (India-American) समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करने और उनका मनोबल गिराने की कोशिश हैं. जाति पर अपनी तरह के पहले सम्मेलन कास्टकॉन (Castcon) में शामिल भारतीय-अमेरिकियों ने ये आरोप लगाया है.


कैलिफोर्निया (California) के फ्रेमॉन्ट शहर में पिछले रविवार (16 जुलाई)  को आयोजित कास्टकॉन में सिलिकॉन वैली सहित अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में आए भारतीय-अमेरिकियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कैलिफोर्निया सहित अन्य अमेरिकी प्रांतों में जाति के संबंध में उठाए गये विधायी कदमों पर चर्चा की.


जाति व्यवस्था लागू करने की कोशिशों पर लगाम
भारतीय-अमेरिकी प्रतिभागियों ने आरोप लगाया कि कानून को पहचान स्थापित करने के आक्रामक उपाय के तौर पर इस्तेमाल कर अप्रवासी आबादी को राज्य स्तर पर टारगेट किया जा रहा है. वहीं आयोजकों ने कहा कि कास्टकॉन-2023 के आयोजन का मूल उद्देश्य अमेरिकी समाज में जाति व्यवस्था लागू करने की कोशिशों पर लगाम लगाना है.


ये एक विध्वंसक सामाजिक संरचना है, जिसकी शुरुआत भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान हुई थी. आयोजकों की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह कदम न केवल अमेरिकी कानून के लिए अनुचित और अनावश्यक माना जाता है, बल्कि सामुदायिक एकजुटता को कमजोर करने और भावी पीढ़ियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की भी क्षमता रखता है.


हिंदुओं के साथ अपमानजनक व्यवहार
ब्रिटेन के एक हिंदू नेता सतीश के शर्मा ने कास्टकॉन को संबोधित करते हुए कहा, “मैं यह देखकर दुखी हूं कि आज के कैलिफोर्निया में हिंदुओं के साथ किस तरह का अपमानजनक व्यवहार किया जाता है, सिर्फ इसलिए कि वे हिंदू हैं. इस तरह के व्यवहार को पूरी तरह से अनुचित और दमनकारी माना जाता है.”


कैलिफोर्निया के हिंदू नेता ऋषि कुमार ने कहा कि मैं सैकरामेंटो के जाति बिल ‘एसबी 403’ का विरोध करता हूं. ऋषि कुमार कैलिफोर्निया के एक डेमोक्रेट नेता सिलिकॉन वैली से संसदीय सीट के एक उम्मीदवार है. इससे पहले वो कैलिफोर्निया डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकारी बोर्ड के पूर्व सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं.


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