Nuclear War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई देशों ने कहा- कोई नहीं जीत सकता परमाणु युद्ध, लिया ये संकल्प
Nuclear Arms: परमाणु युद्ध को रोकने और हथियारों की होड़ से बचने के लिए अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन ने साझा बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि कोई भी देश परमाणु युद्ध नहीं जीत सकता है.
Statement on Nuclear Arms: अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन ने परमाणु हथियारों की रेस को कम करने की रणनीति बनाई है. चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के नेताओं ने पहली बार सोमवार को परमाणु युद्ध छिड़ने से रोकने और हथियारों की दौड़ से बचने पर एक संयुक्त बयान जारी किया और साथ ही एक-दूसरे पर परमाणु हथियारों का उपयोग न करने का संकल्प जताया. साझा बयान में कहा गया है कि कोई भी देश परमाणु युद्ध नहीं जीत सकता है. ऐसे हथियारों का प्रसार रोका जाना चाहिए.
''कोई भी नहीं जीत सकता है परमाणु युद्ध''
पड़ोसी देश यूक्रेन (Ukraine) के पास रूस (Russia) के सैन्य निर्माण को लेकर चिंताओं को लेकर मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच यह बयान आया है. पांचों देशों के साझा बयान में कहा गया है कि हम इस बात की दावा करते हैं कि परमाणु युद्ध नहीं जीता जा सकता है और इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए. पांच परमाणु शक्तियों के साझा बयान के अनुसार, चीन, रूस, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस ने सहमति व्यक्त की है कि परमाणु हथियारों के और प्रसार और परमाणु युद्ध से बचा जाना चाहिए.
''संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई देशों का संकल्प''
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्य देशों ने कहा कि परमाणु युद्ध से बचने और रणनीतिक जोखिमों को कम करने के लिए हम इसे अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानते हैं, जबकि सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए सभी देशों के साथ काम करने का लक्ष्य रखते हैं. हम घोषणा करते हैं कि परमाणु युद्ध में कोई विजेता नहीं हो सकता है, इसे कभी भी शुरू नहीं किया जाना चाहिए. परमाणु हथियारों के उपयोग के दूरगामी परिणाम होंगे.
फ्रांस ने भी बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि पांचों शक्तियों ने परमाणु हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के लिए अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया है. परमाणु हथियार नियंत्रण के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दृष्टिकोण जारी रखेंगे. पड़ोसी देश यूक्रेन के पास रूस के सैन्य निर्माण को लेकर चिंताओं के बीच ये बयान जारी किया गया है. रूस का मानना है कि वह अपनी सेना को अपने क्षेत्र के चारों ओर ले जा सकता है जैसा कि वह जरुरत समझता है. गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. अमेरिका ने रूस को यूक्रेन के पास सैन्य निर्माण को लेकर चेतावनी भी दी थी.
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