US China Competition: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश अमेरिका (America) और चीन (China) एक-दूसरे के उत्पादों पर फिर प्रतिबंध लगाने लगे हैं. चीन ने अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन की मेमोरी चिप को अपने यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका द्वारा चाइनीज टेक्नोलॉजी पर पाबंदी के जवाब में यह कदम उठाया गया है.
अमेरिका ने चीन के पड़ोसी देश साउथ कोरिया से कहा है कि वह सैमसंग और एसके हिंक्स कंपनियों को चीन को चिप की सप्लाई करने से रोके. ये कंपनियां माइक्रॉन जैसी चिप बनाती हैं. इस बीच चाइनीज ऐप टिकटॉक ने अमेरिकी स्टेट मोंटाना के प्रशासन के फैसले को अदालत में चुनौती दी है. मोंटाना ने टिकटॉक को बैन किया है, और यह चाइनीज ऐप पर बैन लगाने वाला पहला अमेरिकी राज्य है. अमेरिका में चीन के ऐप्स की पहुंच ही सीमित नहीं की जा रही, अपितु चाइनीज टेक्नोलॉजी की पहुंच को भी बाधित किया जा रहा है.
चीन के खिलाफ लगाई गईं पाबंदियां
अमेरिका और चीन कई सालों से 'ट्रेड वॉर' में उलझे हैं. इन दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर डोनाल्ट ट्रंप के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जिसका वैश्विक स्तर पर बड़ा असर पड़ा. ट्रंप प्रशासन के फैसले के कारण चीन से आयातित ज्यादातर चीजों के दाम बढ़ गए. उनमें कंप्यूटर उपकरण, सेमीकंडक्टर, फर्नीचर और ऑडियो-वीडियो उपकरण शामिल थे. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के ख़िलाफ़ 355 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाया गया था. और, उनके द्वारा लागू की गईं पाबंदियां अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में भी प्रभावी रहीं.
अमेरिका का व्यापार घाटा ज्यादा
अमेरिका और चीन के ट्रेड को लेकर अमेरिकी इंटरनेशनल ट्रेड इन गुड्स एंड सर्विसेस ने एक रिपोर्ट जारी की. वो रिपोर्ट साल की शुरूआत में आई, उसमें कहा गया कि बीते साल यानी कि 2022 में अमेरिका में चीन से इंपोर्ट बढ़कर 536.8 अरब डॉलर हो गया. हालांकि, उस दौरान चीन को होने वाला अमेरिका का एक्सपोर्ट भी बढ़ा, और वो 153.8 अरब डॉलर हो गया. मगर, अमेरिका का व्यापार घाटा फिर भी काफी ज्यादा है. ऐसे में अमेरिकी सरकार चीनी माल पर पाबंदियां लगाने के रास्ते खोज रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खरीदार चीन में बने खिलौने और मोबाइल फ़ोन को काफी ज्यादा खरीदते हैं, ऐसे में अमेरिका चीन की इन तकनीक वस्तुओं की पहुंच सीमित करने में लगी है.