US-China Relations: अचानक अमेरिकी वित्त मंत्री क्यों पहुंचे चीन, क्या ये है वजह
US-China: अमेरिका की वित्त मंत्री जीना रैमंडो का चीनी दौरा इस बात की तरफ भी इशारा कर रहा है कि शायद आने वाले समय में दोनों देशों के प्रमुख के बीच मुलाकात हो.
US Finance Minister Visit China: इस वक्त दुनिया के दो पावरफुल देश अमेरिका और चीन के बीच तनातनी देखने को मिल रही है. ये तनातनी खासकर आर्थिक मोर्चे पर ज्यादा देखने को मिल रही है. इसी साल जून के महीने में अमेरिका ने चीन के माइक्रॉन की मेमोरी चिप के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था, जिसके बाद चीन बौखला गया था. हालांकि, इस बीच रविवार (27 अगस्त) की रात को अमेरिका की वित्त मंत्री जीना रैमंडो चीन के दौरे पर पहुंची हैं. जहां वो सोमवार (28 अगस्त) को चीनी समकक्ष से मिलेंगी. उनका मकसद होगा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक मोर्चे पर चल रही टेंशन को कम किया जा सके.
अमेरिका की वित्त मंत्री जीना रैमंडो बुधवार (30 अगस्त) तक चीन में रहेंगी. इस यात्रा को हाल के महीनों में अमेरिकी अधिकारियों की चीन में हाई लेवल दौरों में से एक मानी जा रही है. इससे पहले जून में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी चीन के दौरे पर गए थे.
चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई का दौरा
अमेरिका की वित्त मंत्री जीना रैमंडो का चीनी दौरा इस बात की तरफ भी इशारा कर रहा है कि शायद आने वाले समय में दोनों देशों के प्रमुख के बीच मुलाकात हो. हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि वो जल्द ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिल सकते हैं. वहीं रविवार बीजिंग पहुंचने के बाद वित्त मंत्री जीना रैमंडो की मुलाकात अमेरिका और ओशिनिया विभाग के निदेशक लिन फेंग से हुई.
I just landed in Beijing for a busy few days of meetings with senior PRC officials and U.S. business leaders. pic.twitter.com/K8t9N7b29d
— Secretary Gina Raimondo (@SecRaimondo) August 27, 2023
पिछले हफ्ते अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि जीना रैमंडो अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक मुद्दों पर बात करेंगी. इसके अलावा वो चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई का दौरा भी करेंगी.
चीन में तकनीकी निवेश पर बैन
आपको बता दें कि 9 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन में तकनीकी निवेश पर बैन लगा दिया था. इस पर चीन ने फैसले को वैश्वीकरण विरोधी करार दिया था. अमेरिकी वित्त मंत्री के कुछ ऐसे अधिकार है, जिसके मुताबिक वो सेमीकंडक्टर, माइक्रो इलेक्ट्रानिक्स और कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में चीन में निवेश पर पाबंदी लगा सकते हैं.
इसके मद्देनजर साल 2021 के बाद 2023 में अमेरिकी सरकार ने निवेश पर पर बैन लगा दिया है. अमेरिका ने इस तरह के बैन चीन पर इसलिए लगाए क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं चीन अपनी आर्मी की ताकत को बढ़ा कर अमेरिका के लिए खतरा न पैदा कर दें. चीन ने पहले ही ये दे दिए है कि वो AI का इस्तेमाल अपनी सेना में करने वाला है.