चीन ने मंगलवार को कहा कि वह बदले में उन अमेरिकी अधिकारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कदम उठायेगा जिनका तिब्बत पर अमेरिकी कांग्रेस से कानून पारित कराने में हाथ है. उसने कहा कि उसे अपने अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप में बर्दाश्त नहीं है.
सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस ने सोमवार को 900 अरब डॉलर की कोविड-19 राहत पैकेज और 1400 अरब डॉलर के नियमित सरकारी वित्त पोषण को मंजूरी दी थी. वित्त पोषण में तिब्बत और ताईवान पर कुछ कानून तथा ‘हांगकांग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेशन रिजन’ पर कुछ उपबंध शामिल हैं.
यह कानून अमेरिकी सरकार को उस किसी भी चीनी अधिकारी पर आर्थिक और वीजा पाबंदियां लगाने का निर्देश देता है जो दलाईलामा के उत्तराधिकारी के विषय में दखल देता है.
हांगकांग के साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट ने खबर दी है कि इस विधेयक में चीन पर तब तक अमेरिका में कोई भी नया वाणिज्यिक दूतावास खोलने से रोक लगाया गया है जब तक अमेरिका को तिब्बत में अपना राजनयिक कार्यालय खोलने की अनुमति मिल नहीं जाती है. तिब्बत पर नए कानून पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति से उस पर हस्ताक्षर नहीं करने का आह्वान किया.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘तिब्बत, ताईवान और हांगकांग का विषय चीन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा है. वे विशुद्ध रूप से चीन के अंदरूनी विषय है जिसमें विदेशी दखल बर्दाश्त नहीं है.’’ उन्होंने नए अमेरिकी कानून के बारे में सवाल किये गये थे.
वांग ने कहा, ‘‘चीन ने उन अमेरिकियों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जवाबी कदम उठाये हैं जो चीन के अंदरूनी मामलों में हाल के दखल के लिए प्राथमिक रूप से जिम्मेदार हैं.’’ उन्होंने यह नहीं बताया कि किन किन और कितने लोगों पर इसका असर होगा. उन्होंने कहा कि चीन सरकार चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने के लिए कृत संकल्प है. पोस्ट ने खबर दी है कि व्हाइट हाउस से संकेत है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस विधेयक को कानून का रूप दे देंगे.