इस्लामाबाद: आतंकी सैयद सलाहुद्दीन को इंटरनेशनल आतंकी घोषित करने के बाद अमेरिका ने कश्मीर में सक्रिय उसके संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकी समूह घोषित कर दिया. अमेरिका के इस कदम पर पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह कश्मीरी आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकवादी संगठन करार देने के अमेरिका के फैसले से निराश है. उसने कहा कि यह कदम पूरी तरह नाजायज है.


अमेरिका ने बुधवार को हिजबुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकी समूह घोषित किया था. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘‘कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करने वाले लोगों या समूहों को आतंकवादी घोषित करना पूरी तरह नाजायज है.’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के फैसले में कश्मीरियों के 70 साल के संघर्ष को संज्ञान में नहीं लिया गया है. जकारिया ने कश्मीर की जनता के संघर्ष को पाकिस्तान का नैतिक, कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन दोहराया.


हिजबुल का गठन साल 1989 में हुआ था और यह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सबसे पुराने और बड़े आतंकी संगठनों में से एक है. इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है.


जब पूछा गया कि क्या पाकिस्तान इस मामले को अमेरिका के साथ उठाएगा तो जकारिया ने कहा, ‘‘जब भी दोनों पक्षों की बैठक होती है, हम अपनी तरफ से सारी चिंताएं रखेंगे.’’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘ना तो गोली और ना ही गाली’ वाला बयान पाकिस्तान के इस रुख की पुष्टि करने वाला है कि कश्मीर का एकमात्र समाधान निष्पक्ष और स्वतंत्र जनमत-संग्रह से संभव है.