US Carrier Strike Group: मिडिल ईस्ट में भयानक जंग की आहट! अमेरिका ने तैनात किया खतरनाक जंगी जहाज, हूती की आने वाली है शामत
अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात किया है. USS कार्ल विंसन को हूती विद्रोहियों के खिलाफ तैनाता किया गया है, जिससे यमन में तनाव और बढ़ गया है.

US Carrier Strike Group Sent To Middle East: अमेरिका और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच रेड सी का इलाका लंबे समय से संघर्ष का केंद्र बना हुआ है. हाल ही में इस संघर्ष ने और भी घमासान रूप ले लिया है, क्योंकि अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को तैनात कर दिया है. अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस तैनाती के आदेश जारी किए हैं.
पिछले 6 महीनों में दूसरी बार है जब अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में एक साथ दो एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात किए हैं. इस बार USS कार्ल विंसन को इंडो-पैसेफिक से मिडिल ईस्ट भेजा गया है. इससे पहले यह सुपर कैरियर कोरिया और जापान के साथ नॉर्थ चाइना सी में अभ्यास कर चुका है. रिपोर्ट के अनुसार, यह कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अगले महीने तक मिडिल ईस्ट के पास तैनात हो जाएगा, जिससे यमन और हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो सकती है.
अमेरिका की शक्ति प्रदर्शन: 180 एयरक्राफ्ट और सैकड़ों मिसाइल
मिडिल ईस्ट में तैनात अमेरिकी कैरियर ग्रुप्स की ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. दो प्रमुख कैरियर स्ट्राइक ग्रुपों में सैकड़ों एयरक्राफ्ट और मिसाइल तैनात हैं. इनमें से पहला USS हैरी ए. ट्रूमन, पिछले साल 15 दिसंबर को मिडिल ईस्ट में तैनात किया गया था, जिसने हूती विद्रोहियों पर बड़े हमले किए थे. इसके साथ ही USS गेटिसबर्ग, USS स्टाउट, USS जैसन डनहम जैसे जहाज भी इस कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा हैं. दूसरा कैरियर स्ट्राइक ग्रुप USS कार्ल विंसन अब मिडिल ईस्ट की ओर बढ़ रहा है. इसमें USS प्रिंसटन, USS स्टेरेट, और USS विलियम पी. लॉरेंस जैसे प्रमुख युद्धपोत शामिल हैं. ये जहाज और एयरक्राफ्ट संयुक्त रूप से हूती विद्रोहियों के खिलाफ प्रभावी हमले करने में सक्षम हैं.
अमेरिकी स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन
अमेरिकी स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन में F-18 E, F-18F, F-35C, और EA-18G जैसी अत्याधुनिक विमान तैनात किए गए हैं, जो हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बना सकते हैं. हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन में MH-60 R और MH-60S भी शामिल हैं, जो इन अभियानों में अहम भूमिका निभाएंगे.
मिडिल ईस्ट में तैनाती: 6 महीने में दूसरी बार
यह दूसरा मौका है जब अमेरिका ने पिछले छह महीनों में मिडिल ईस्ट में दो एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप तैनात किए हैं. पिछले साल, USS रूजवेल्ट को मिडिल ईस्ट में तैनात किया गया था, जिसे बाद में USS अब्राहम लिंकन द्वारा रिप्लेस किया गया. हालांकि, अमेरिकी सरकार ने उस वक्त USS रूजवेल्ट की तैनाती को बढ़ा दिया था, जिससे सेंट्रल कमांड में एक साथ दो एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात हो गए थे. इस बार के केस में खास बात यह है कि USS कार्ल विंसन को विशेष रूप से हूती विद्रोहियों के खिलाफ तैनात किया जा रहा है. हूती विद्रोही लगातार अमेरिकी कैरियर ग्रुप पर हमले कर रहे हैं, जिससे अमेरिका ने अपने जवाबी हमले और भी तेज करने की योजना बनाई है.
हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका की रणनीति
हूती विद्रोही लगातार अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप पर हमले कर रहे हैं. इसका जवाब देने के लिए अमेरिका ने सेंट्रल कमांड में अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात किए हैं. इन हमलों में हूती विद्रोही मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका के पास अत्याधुनिक तकनीक और हथियार मौजूद हैं, जिनसे वह किसी भी प्रकार के हमले का प्रभावी जवाब दे सकता है. USS कार्ल विंसन और USS हैरी एस. ट्रूमन के साथ तैनात जहाजों और विमानों की ताकत यह दर्शाती है कि अमेरिका इस संघर्ष में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह स्थिति यमन के आसमान को और भी अधिक युद्ध के रंग में रंग सकती है.
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