Viral News: अमेरिका के उत्तरी वर्जीनिया में एक डॉक्टर के साथ हैरान करने वाला मामला आया है. दरअसल, 62 वर्षीय डॉक्टर सियावश शोभानी का जन्म अमेरिका में हुआ था. ये यही पर पले- बढ़े, इनकी सारी शिक्षा- दीक्षा यहीं हुई. इन्होंने एक डॉक्टर के तौर पर तीस सालों तक यही प्रैक्टिस भी की. लेकिन इन्हें झटका तब लगा, जब ये हाल ही में अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने गए. यहां जाकर पता चला कि डॉक्टर सोब्हानी की नागरिकता तो अमेरिका की है ही नहीं, उनकी नागरिकता ही खत्म कर दी गई है.
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सियावाश शोभानी जब पासपोर्ट ऑफिस पहुंचे तो उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि जब वह शिशु थे तो गलती से उन्हें अमेरिकी नागरिकता प्रदान कर दी गई थी. लेकिन उन्हें यह नागरिकता मिलनी नहीं थी क्योंकि उनके पिता उस समय ईरानी दूतावास के राजदूत थे. नियम के अनुसार, यूएस में अगर किसी डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी प्राप्त शख्स को संतान होती है तो उसे जन्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है.
मेरे लिए एक झटके की तरह था: डॉक्टर शोभानी
वॉशिंगटन पोस्ट से बातचीत में डॉक्टर सियावश शोभानी ने बताया, "यह मेरे लिए एक झटके की तरह था. मैं एक डॉक्टर हूं. मैं जीवन भर यहीं रहा हूं. मैंने यहां टैक्स पे किया है, मैंने राष्ट्रपतियों के लिए मतदान किया है. मैंने उत्तरी वर्जीनिया में अपने समुदाय की सेवा की है. कोविड के दौरान, अपनी जान जोखिम में डाल मैं काम कर रहा था और आज 61 वर्षों बाद आपसे कहा जाता है, 'ओह, गलती हो गई, अब आप अमेरिकी नागरिक नहीं हैं. तो यह वास्तव में बहुत चौंकाने वाला है." शोभानी ने आगे कहा कि वह इसे ठीक करने के लिए 40 हजार डॉलर खर्च कर चुके हैं लेकिन अभी तक वह अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं.
ऐसी कभी कल्पना तक नहीं की थी
रिपोर्ट के अनुसार, सोभानी ने फरवरी में नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. उन्हें उम्मीद थी कि इस प्रक्रिया में कोई कठिनाई नहीं होगी क्योंकि उन्होंने पहले भी कई बार बिना किसी समस्या के अपना पासपोर्ट रिन्यू कराया था. हालांकि, इस बार उन्हें नया पासपोर्ट नहीं मिला. इसके बजाय, डॉक्टर को विदेश विभाग से एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि उनके जन्म के समय उन्हें नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए थी क्योंकि उनके पिता ईरान के दूतावास में एक राजनयिक थे. पत्र में डॉक्टर को एक वेबसाइट के बारे में भी बताया गया जहां वह वैध स्थायी निवास के लिए आवेदन कर सकता है.
ये भी पढ़ें : बंधकों की रिहाई को लेकर समझौता होने तक जारी रहेगा युद्धविराम: इजरायली सेना