वाशिंगटन: कोरोना महामारी से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका ही हुआ है. 90 लाख से ज्यादा संक्रमित और लगभग 2 लाख 40 हजार मौतें. इस बीच राष्ट्रपति चुनाव हुए और अब मतगणना चल रही है. रिपब्लिकन की तरफ से मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की तरफ से जो बाइडेन के बीच करीबी मुकाबला चल रहा है. ऐसे में इस बार रिकॉर्ड संख्या में आए डाक मतपत्रों पर डोनाल्ड ट्रंप ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.


दरअसल अमेरिकी चुनाव में बैलेट पत्र से मतदान होता है. लोगों के पास पोलिंग बूथ में न जाकर डाक द्वार मतदान का भी विकल्प होता है. जिसे मेल इन वोट्स (डाक मतपत्र) कहते हैं. इस बार कोरोना की वजह से रिकॉर्ड लगभग 10 करोड़ लोगों ने डाक मतपत्रों के जरिए मतदान किया है. इसलिए चुनाव के नतीजे आने में भी काफी समय लग सकता है. वहीं डाक मतपत्रों की गिनती में अभी तक आए नतीजे पलट भी सकते हैं. वहीं अलग-अलग प्रांतों में डाक मतपत्रों की गिनती के लिए अलग-अलग नियम हैं. ऐसे में इनके नतीजे भी अलग-अलग समय पर आएंगे.



डाक मतपत्रों से हुए मतदान में जो बाइडेन रह सकते हैं फायदे में!


एक और बात समझने की है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक यानी रिपब्लिकन बड़ी संख्या में खुद मतदान करने गए. माना यहीं जा रहा है कि डाक मतपत्रों में जो बाइडेन के समर्थकों ने यानी डेमोक्रेट्स ने बड़ी संख्या में मतदान किया है. ऐसे में इस बार रिकॉर्ड संख्या में हुए डाक मतपत्रों के जरिए हुए मतदान में बाइडेन बाजी मार सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप की भी सबसे बड़ी चिंता यहीं है.


चुनाव प्रचार में भी ट्रंप ने उठाया था फर्जीवाड़े का मुद्दा
उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई मर्तबा यह आशंका जताई थी कि डाक मतपत्रों के जरिए मतदान में फर्जीवाड़ा हो सकता है. हालांकि अमेरिकी चुनावों के इतिहास में मतदान में फर्जीवाड़े की घटनाएं काफी कम हुई हैं. डाक मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ के सबूत नहीं मिले हैं. लेकिन प्रेसीडेंट ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि अगर नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो वो कोर्ट का रुख करेंगे.


 ट्रंप लगातार ट्वीट कर डाक मतपत्रों पर सवाल उठा रहे हैं





ट्रंप ने ट्वीट किया- उन्हें हर जगह बस बाइडेन के ही वोट मिल रहे हैं, देश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण!
They are finding Biden votes all over the place — in Pennsylvania, Wisconsin, and Michigan. So bad for our Country!





ऐसे में अमेरिकी चुनावों में इस बार वो सब देखने को मिल सकता है जो पहले कभी नहीं हुआ. अगर डाक मतपत्रों के नतीजे ट्रंप के पक्ष में नहीं आते जिसके आसार हैं तो मामला कोर्ट में जा सकता है, हिंसा भी भड़क सकती है. इस बार बिहार और अमेरिका में लगभग एक साथ चुनाव हुए हैं. अमेरिका से वैसी खबरें आ रही हैं जैसी 90के दशक में बिहार से आती थीं. बूथ कैप्चरिंग और फर्जी मतदान जैसी. वहीं दूसरी तरफ बिहार रोजगार जैसे मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा है.