अमेरिका में इस वक्त राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है. अधिकतर राज्यों में गिनती पूरी हो गई है लेकिन जिन राज्यों में गिनती चल रही है, वहां के इलेक्टोरल वोट पूरे नतीजे को बदल सकते हैं. अब देखना होगा कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होता है जो बाइडन या डोनाल्ड ट्रंप ? आइए जानते हैं अब तक क्या क्या हुआ है


1- डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन राष्ट्रपति बनने के जादुई आंकड़े जो कि 270 है उसके बेहद करीब हैं, लेकिन अभी भी पेंसिल्वेनिया जैसे कई महत्वपूर्ण राज्यों में गिनती जारी है जो कि खेल पलट सकता है और ट्रंप को वापस रेस में ला सकता है.


2-ट्रंप ने बुधवार रात को घोषणा की कि वह मतगणना पर विवाद की वजह से अदालत का रुख करेंगे. राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान के तीन दिन के बाद पेंसिल्वेनिया में मतपत्रों की गिनती के खिलाफ ट्रंप कोर्ट गए हैं.इसके अलावा भी ट्रंप ने कई अन्य राज्यों में गिनती के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है.


3- वोटो की गिनती में अभी और समय लग सकता है क्योंकि लाखों मेल-इन मतपत्रों की गिनती अभी भी की जा रही है और इसे पूरा होने में समय लगेगा. अभी भी 9 राज्य ऐसे हैं जहां वोटों की गिनती जारी है.


4- अमेरिका के इतिहास में ये राष्ट्रपति चुनाव अब तक का सबसे क्लोज फाइट वाला चुनाव है. इससे पहले 1824 में जॉन क्विंसी एडम्स ने हाउस ऑफ रिप्रसेंटेटिव में जीत हासिल की थी जब किसी भी उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज में क्लियर बहुमत नहीं मिला था. 2000 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अल गोर को 271-267 से हराया था.


5- अंतिम परिणाम अभी आना बाकी है लेकिन जो बिडेन ने पहले ही अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्वारा प्राप्त सबसे अधिक वोटों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. उन्हें 72,048,770 वोट अब तक मिले हैं, उन्होंने बराक ओबामा का रिकॉर्ड तोड़ा है जिन्हें 2008 में 66,862,039 मिले थे.


6-पांच महिलाओं सहित एक दर्जन से अधिक भारतीय-अमेरिकियों ने राज्य स्तरीय चुनाव जीते हैं. यह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए चार भारतीय-अमेरिकियों के अलावा हैं जिनमें डॉ अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्थी शामिल हैं.


7- जिस पार्टी से बाइडेन आते हैं उसी पार्टी यानी डेमोक्रेट के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौर में ही 1998 में भारत पर पाबंदिया लगाई गयी थीं. उस दौरान भारत में एनडीए सरकार थी यह पाबंदी वाजपेयी सरकार का परमाणु परीक्षण का फैसला लेने की वजह से लगाई गई थी.ऐसे में बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर भारत के लिए कई मुद्दों पर उतार-चढ़ाव नजर आता है. कई मामलों में बाइडेन से भारत को लाभ मिलेगा तो कई मामलों पर बाइडेन की नीतियां भारत के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगी.


8- 435 सीटों वाले चैंबर में डेमोक्रेट ने 204 सीटों के साथ रिपब्लिकन पर मामूली बढ़त हासिल की है. सदन में बहुमत के लिए एक पार्टी को 218 सीट की जरूरत है. सुबह 10 बजे (IST) के ताजा खबरों के मुताबिक रिपब्लिकन 190 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थे.