वॉशिंगटन: रिपब्लिकन पार्टी का मजबूत गढ़ माने जाने वाले राज्य जॉर्जिया से डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन जीत गए हैं. इसके साथ ही बाइडेन 1992 के बाद इस महत्वपूर्ण राज्य से जीतने वाले पहले डेमोक्रेट बन गए हैं. 7 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने जीत की घोषणा की थी. हालांकि, ट्रंप ने हार स्वीकार नहीं किया है और वोटिंग में धांधली का आरोप लगाते हुए अदालत में चुनौतियां दी हैं.
क्यों लग गया नतीजे आने में इतना वक्त
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खेमे द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद जॉर्जिया में फिर से वोटों की गिनती कराई गई. करीब पचास लाख वोटों की गिनती अधिकारी मशीन के बजाए हाथों से कर रहे थे जिसमें कई दिन का वक्त लग गया. इसमें डेमोक्रेटिक पार्टी के बाइडेन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले 12,284 वोटों से जीते. पुनर्मतगणना से पहले बाइडेन करीब 14,000 वोटों से आगे चल रहे थे.
जॉर्जिया के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ब्रांड राफेंसपरगर ने गुरुवार को कहा, "जॉर्जिया के पहले राज्यव्यापी ऐतिहासिक ऑडिट ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि राज्य के नए सुरक्षित वोटिंग सिस्टम में सटीक गिनती करके रिजल्ट दिए गए." इससे पहले 1992 में बिल क्लिंटन जॉर्जिया से जीते थे. अधिकारियों ने कहा कि ऑडिट से यह पुष्टि हो गई है कि तीन नवंबर को हुए चुनाव में कोई धोखाधड़ी या अनियमितता नहीं हुई.
"ट्रंप का चुनाव नतीजे स्वीकार ना करना बेहद गैर जिम्मेदाराना"
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार स्वीकार ना करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बेहद खराब संदेश भेज रहे हैं. अमेरिका में तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अधिकतर प्रमुख मीडिया घराने जो बाइडेन को विजेता घोषित कर चुके हैं. बाइडेन के नाम पर कुछ हफ्ते बाद कई राज्य आधिकारिक मोहर लगाएंगे. हालांकि ट्रंप ने हार स्वीकार करने से मना कर दिया है और कई राज्यों में चुनावी परिणामों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है.
विलमिंगटन में दोनों पक्षों के गवर्नरों के एक ग्रुप के साथ बैठक में बाइडेन ने कहा, "लोकतंत्र किस तरह काम करता है, इसको लेकर दुनिया के बाकी हिस्सों में बेहद खराब संदेश जा रहा है. मुझे नहीं पता कि उनका (ट्रंप) मकसद क्या है लेकिन मुझे लगता है कि यह बेहद गैर जिम्मेदाराना है."
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