वाशिंगटन डीसी: एरिजोना ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस पहुंचने की उम्मीदों को झटका दिया है. कांटे को मुकाबले में 11 इलेक्टोरल मतों वाला एरिजोना लाल से नीला होता दिख रहा है. यानी ये अब डेमोक्रेटिक पार्टी के पाले में जाता नजर आ रहा है. रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे जॉन मक्केन के इस सूबे में पार्टी को इतना तकड़ा झटका लगा है कि वह सिनेट की अपनी पारंपरिक सीट से खड़ी हुआ मार्था मैक्सैली और एक अहम कांग्रेस की सीट भी हार गए हैं.


ज़ॉन मैक्केन समर्थकों की ट्रंप से नाराज बड़ी वजह


राष्ट्रपति पद के लिए 2016 के मुकाबले में हिलेरी क्लिंटन को करीब 4 फीसद मतों के अंतर से पछाड़ा था. लेकिन अबकी बार लातीनो मतदाताओं की नाराजगी ने ट्रंप को सूबे में चित कर दिया. यह भी माना जा रहा है कि एरिजोना में ट्रंप को मिले इस झटके के पीछे डेमोक्रेटिक या जो बाइडन की ताकतवर सेंध के साथ साथ  रिपब्लिकन पार्टी में दिवंगत ज़ॉन मैक्केन समर्थकों की ट्रंप से नाराजगी भी एक बड़ी वजह थी.



ट्रंप की हार ने ज़ॉन मैक्केन का बदला ले लिया- माइक मर्फी


मक्केन के करीबी सलाहकार रहे माइक मर्फी ने कहा कि ट्रंप की हार ने ज़ॉन मक्केन का बदला ले लिया जिनके साथ उनके काफी तल्ख संबंध रहे. ट्रंप ने वॉर हीरो रहे मक्केन की मौत पर झंडा झुकाए जाने से जिस तरह इनकार किया उसको लेकर बीते दिनों एक अज्ञात ओप-एड आलेख भी लिखा गया था.


कोविड 19 संकट की मार ने भी डाला असर


एरिजोना में ट्रंप के हारने का का एक बड़ा कारण राज्य में करीब 24 फीसद की वोट हैसियत रखने वाले युवा लातिनो मतदाता हैं. इसके अलावा राज्य में उम्रदराज स्पैनिश भाषी हिस्पैनिक आबादी पर हुई कोविड 19 संकट की मार ने भी असर डाला. एरिजोना की सबसे बड़ी काउंटी मेरिकोपा में कोरोना के सबसे ज्यादा एक लाख 61 हजार से ज्यादा आंकड़े आए.


वहीं मेरिकोपा और प्राइमा कांउटी के मतदाताओं के चलते रिपब्लिकन पार्टी की मार्था मैकसैली चुनाव हार गई. बीते कुछ समय में राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों के कारण एरिजोना में वामपंथी रुझान भी बढ़ा है.


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