तेहरान: ईरान ने अपने ताज़ा मिसाइल टेस्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की चेतावनी को बेबुनियाद और ‘‘भड़काउ’’ करार देते हुए उसे खारिज कर दिया. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ की रिपोर्ट के अनुसार ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम गासिमी ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के दावे बेबुनियाद, दोहराये गये और उकसाने वाले है.’’


ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों की योजना बना रहा अमेरिका- रिपोर्ट

ईरान के क्षेत्र में ‘अस्थिरता पैदा करने वाले व्यवहार’ के कारण अमेरिकी ट्रंप प्रशासन की ओर से उसे ‘नोटिस पर रखे जाने’ के एक दिन बाद मीडिया में आई कई खबरों में कहा गया है कि अमेरिका तेहरान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है. ट्रंप प्रशासन के अज्ञात वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से ये खबरें ऐसे समय पर आई हैं, जब इस संदर्भ में अमेरिकी सीनेटरों की ओर से मांगें बढ़ रही हैं और ट्रंप प्रशासन ने भी ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक बुलाए है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, व्हाइट हाउस ईरान की दर्जनों इकाईयों पर मिसाइल डेवलपमेंट और आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में उनकी कथित भूमिका को लेकर नए प्रतिबंध लगा सकता है. अखबार के अनुसार, उन लोगों ने कहा कि ट्रंप की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने ईरान की लगभग 25 यूनिट्स की एक सूची बनाई है, जिन्हें निशाना बनाया जाना है. ट्रंप इसके लिए शासकीय आदेशों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.

सीएनएन ने भी अपने शाम के समाचारों में यही खबर प्रसारित की. हालांकि व्हाइट हाउस ने इन खबरों की पुष्टि नहीं की है. इसी बीच टॉप- 20 सीनेटरों के एक ग्रुप ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की अपील की है.

सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब कॉर्कर और इसके रैंकिंग सदस्य सीनेटर बेन कार्डिन के नेतृत्व में सांसदों ने कहा, ‘‘हम ईरान को जिम्मेदार ठहराने के लिए आपके प्रशासन के प्रयासों का इंतजार कर रहे हैं और अमेरिका की ओर से बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपात बैठक को सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं. यह जरूरी है कि अमेरिका सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 को लागू करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करे.’’ सीनेटरों ने लिखा कि वे ईरान द्वारा 29 जनवरी, 2017 को बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किए जाने की खबरों से चिंतित हैं.

पत्र में कहा गया, ‘‘यदि यह पुष्टि हो जाती है कि ईरान ने परमाणु हथियार ले जा सकने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है तो इसका मतलब यह होगा कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 (2015) का उल्लंघन किया है. यह प्रस्ताव परमाणु हथियार ले जा सकने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी कोई गतिविधि न करने की बात कहता है, जिनमें ऐसी बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर परीक्षण करना भी शामिल है.’’

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जनरल फ्लिन ने कल अपनी बात पूरी स्पष्टता के साथ रखी कि ईरान ने प्रस्ताव का उल्लंघन किया है. ईरान की ओर से हमारे नौसैन्य पोतों के खिलाफ उठाए गए कदम कुछ ऐसे हैं, जिन्हें देखकर हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे रहने वाले.’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम आपको उन कदमों की आगे जानकारी देंगे लेकिन निश्चित तौर पर हम यह कह सकते हैं कि ईरान यह बात समझ गया है कि इस पर प्रतिक्रिया तो दी ही जाएगी.’’