अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद) में पिछले हफ्ते अपने पति के समर्थकों द्वारा की गई जानलेवा हिंसा से “निराश व आहत” हैं. उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ने के दौरान लोगों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने इस दुखद घटनाक्रम का इस्तेमाल “मेरे बारे में अशोभनीय गपशप, अवांछित निजी हमलों और झूठे व भ्रामक आरोपों के लिये किया.”
ट्रंप को चुनाव में मिली हार से नाराज और खुद राष्ट्रपति द्वारा उकसाए जाने के बाद उनके समर्थकों की हिंसक भीड़ द्वारा बीते बुधवार को कैपिटल परिसर में घुस गई और डेमोक्रेट जो बाइडन की जीत को सत्यापित करने के लिये हो रही कार्यवाही को आंशिक रूप से बाधित किया. इस घटना के पांच दिन बाद प्रथम महिला की तरफ से इस बारे में पहली सार्वजनिक टिप्पणी आई है.
व्हाइट हाउस के एक ब्लॉग पर लिखी पोस्ट में उन्होंने कहा, “पिछले हफ्ते जो हुआ उससे मैं निराश और आहत हूं.” उन्होंने लिखा, “इस दुखद घटनाक्रम के बीच मैंने यह शर्मनाक चीज देखी कि एक एजेंडे के साथ प्रासंगिक दिखने में लगे कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ अशोभनीय गपशप, अवांछित निजी हमले किये और झूठे व भ्रामक आरोप लगाए.” मेलानिया ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि वह किसका उल्लेख कर रही हैं.
मेलानिया की पूर्व मित्र और एक समय व्हाइट हाउस में सहायक रही स्टेफनी विंस्टन वूलकॉफ ने पिछले हफ्ते एक संपादकीय लिखकर प्रथम महिला पर “अमेरिकी की बर्बादी में भागीदार” रहने का आरोप लगाया था. प्रथम महिला ने सोमवार को लिखी गई पोस्ट में कहा, “यह समय पूरी तरह से देश और उसके नागरिकों के जख्मों को भरने का है. इसे व्यक्तिगत फायदे के लिये इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्र को सभ्य तरीके से उबरना होगा. इस बारे में कोई गलतफहमी मत रखिये, हमारे राष्ट्र की संसद में हुई हिंसा की मैं पूरी तरह से निंदा करती हूं. हिंसा कभी स्वीकार्य नहीं है.” उन्होंने लोगों से हिंसा रोकने और लोगों को उनके रंग से न पहचानने का अनुरोध करते हुए कहा, “अलग राजनीतिक विचारधारा आक्रामकता या क्रूरता का आधार नहीं होनी चाहिए.” उन्होंने अपने पति या समर्थकों को संसद परिसर में जाने के लिये उकसाने में उनकी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं की.