वॉशिंगटन: अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने 'मी टू' पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जो महिलाएं पुरुषों के खिलाफ आवाज़ उठा रही हैं उन्हें सुना जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि पुरुषों को सुना जाना उतना भी उतना ही जरूरी है. लेकिन उन्होंने सबसे बड़ी बात ये कही है कि अगर कोई महिला किसी पुरुष पर आरोप लगाती है तो उसे इसके सबूत देने चाहिए.


मेलानिया केन्या ट्रिप पर हैं और इस दौरान अमेरिकी मीडिया ने एक इंटरव्यू के सिलसिले में उनसे कुछ सवाल पूछे जिसके हिस्से बुधवार को प्रसारित किए गए. उसी में ये बात सामने आई. "गुड मॉर्निंग अमेरिका" नाम के प्रोग्राम में पूछ गए एक सवाल के जवाब में मेलानिया ने कहा, "मैं महिलाओं का समर्थन करती हूं और वो जो कहना चाहती हैं उसे सुना जाना चाहिए. हमें उनका समर्थन करना चाहिए और हमें ऐसा सिर्फ महिलाओं के मामले में ही नहीं, बल्कि पुरुषों के मामले में भी करना चाहिए."


वहीं, उन्होंने आगे जो कहा उस पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं आरोप लगाती हैं तो उन्हें इसके सबूत देने चाहिए. इस बयान पर ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि एक दौर में जब यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना इतना आसान नहीं था, महिलाओं का उत्पीड़न तो हुआ लेकिन उसके सबूत मौजूद नहीं हैं. ऐसे में आरोप लगाने वाली महिला कहां से सबूत लाएगी.


ट्रंप ने उड़ाया 'मी टू' का मजाक
हैरत की बात ये है कि एक तरफ जहां मेलानिया 'मी टू' पर महिलाओं के समर्थन की बात कर रही हैं वहीं, उनके पति और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'मी टू' का उपहास किया है. ट्रंप ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे ‘मी टू’ अभियान का मजाक बनाते हुए कहा कि इस अभियान के तहत प्रेस द्वारा लागू किए जा रहे नियमों के कारण उन्हें खुद पर नियंत्रण रखना पड़ रहा है. ट्रंप ने पेन्सिलवेनिया में मध्यावधि चुनाव से जुड़ी एक रैली के दौरान ‘द गर्ल दैट गॉट अवे’ मुहावरे की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘एक मुहावपा है, लेकिन ‘मी टू’ के नियमों के तहत मुझे अब उस मुहावरे का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है. मैं ऐसा नहीं कर सकता.’’


‘द गर्ल दैट गॉट अवे’ मुहावरे का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए होता है जिसने कभी आपसे प्रेम किया था और फिर आपको छोड़कर चला गया. लेकिन आप अभी तक उस व्यक्ति से प्रेम करते हैं और उसे याद करते हैं. मीडिया की ओर इशारा करते हुए ट्रंप ने कहा कि मीडिया को छोड़कर बाकी सबके लिये वह ‘पुराने और वास्तविक’ मुहावरे का ही प्रयोग करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘वहां जो लोग मौजूद हैं उन्हें छोड़कर बाकी के लिये मैं इसका ही इस्तेमाल करुंगा. वो लोग कहेंगे, सुना आपने राष्ट्रपति ट्रंप ने क्या कहा? आपने सुना कि उन्होंने क्या कहा?’’


आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन साल 1978 से 2013 के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर कम से कम 23 महिलाओं ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. वहीं, 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वोटिंग से ठीक पहले ट्रंप का एक पुराना रेडियो इंटरव्यू सामने आया था जिसमें उन्होंने एक महिला को उसके प्राइवेट पार्ट्स से पकड़ लेने की बात को शेखी बघारते हुए इंटरव्यू लेने वाले को बताया था.


वहीं, उन्होंने ब्रेट कैवनाग नाम के जिस व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने के लिए नॉमिनेट किया था उनके खिलाफ उनके साथ हाई स्कूल में पढ़ने वाली एक महिला ने सामने आकर यौह हंसा के आरोप लगाए. बावजूद इसके ट्रंप अड़े रहे और कैवनाग को सुप्रीम कोर्ट का जज बनवाकर ही दम लिया. ऐसी बातों के बाद 'मी टू' का उनके द्वारा मजाक बनाया जाना अमेरिका को मिले फर्स्ट वर्ल्ड यानी दुनिया को राह दिखाने वाला देश होने के तमगे पर सवाल खड़े होता है.


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