(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
US On India-Canada: 'जिम्मेदार लोगों को ठहराएं जवाबदेह', जयशंकर के बयान पर बोले अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन
India-Canada: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा अलगावाद, हिंसा, आतंकवाद का एक कॉकटेल है.
US On India-Canada: भारत-कनाडा के बीच रहे तनाव को लेकर अमेरिका का बयान सामने आया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि भारत-कनाडा मिलकर जांच करें. उन्होंने कहा कि हमने भारत सरकार के साथ बातचीत की है और उनसे जांच में कनाडा के साथ काम करने का आग्रह किया है.
एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि मुझे विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ बैठक करने का मौका मिला. मैंने फिर से दोहराया कि इस (निज्जर हत्या) मामले में जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि इस मामले को सुलझाने के लिए कनाडा-भारत मिलकर काम करेंगे. वहीं अमेरिका में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकियां दी जा रही हैं.
अमेरिका आरोपों से बहुत चिंतित
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ब्लिंकन ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस मुद्दे को कनाडा और भारत के तरफ से हल किया जाएगा. हम कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो की तरफ से लगाए गए आरोपों से बहुत चिंतित हैं. हम इस बारे में कनाडा के साथ निकट संपर्क में हैं और साथ ही, हमने भारत सरकार के साथ बातचीत की है. हमने कनाडा के साथ जांच पर काम करने का आग्रह किया है. कनाडा और भारत दोनों हमारे दोस्त हैं.
एस जयशंकर ने कनाडा को लेकर क्या कहा?
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बैठक के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा अलगावाद, हिंसा, आतंकवाद का एक कॉकटेल है. कनाडा भारतीय अपराधियों के लिए अड्डा बन चुका है. इसके अलावा भारतीय राजनयिकों को धमकियां दी जा रही हैx. हमने कनाडा से निज्जर की हत्या से जुड़े सबूत मांगे है और हमें सबूतों का इंतजार है. हालांकि, कनाडा के तरफ से लगाए गए सारे आरोप निराधार है और कनाडा खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दे रहा.
कनाडा के प्रधानमंत्री का आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाए. इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया था. हालांकि, भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था और ओटावा में इस मामले पर एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.