US-India Relations: पिछले कुछ सालों में जिन दो मुल्कों की दोस्ती सबसे ज्यादा गहरी हुई है, उनमें भारत-अमेरिका का नाम शुमार है. दोनों देश रक्षा से लेकर व्यापार तक के मुद्दे पर साथ आए हैं. दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों ने लगातार एक-दूसरे के मुल्कों की यात्रा की है. हालांकि, अब इस रिश्ते में दरार पड़ने का खतरा पैदा हो गया है. इसकी वजह है कि अमेरिका में एक भारतीय नागरिक पर खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है. हालांकि, पन्नू का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन सारी कड़ियां उसकी ओर ही इशारा कर रही हैं.


दरअसल, अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (न्याय विभाग) ने बुधवार (29 नवंबर) को एक प्रेस रिलीज जारी की. इसमें अमेरिका में रहने वाले खालिस्तानी नेता की हत्या में शामिल होने का आरोप एक भारतीय पर लगाया गया. प्रेस रिलीज में कहा गया, 'आज न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले में एक सुपरसीडिंग चार्जशीट को खोला गया. इसमें न्यूयॉर्क शहर में एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की नाकाम साजिश का हिस्सा होने के मामले में 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता उर्फ निक के खिलाफ 'पैसे के बदले हत्या' का आरोप लगाया गया है.'


अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या भारतीय नागरिक पर एक कनाडाई-अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगने से भारत-अमेरिका रिश्ते प्रभावित होंगे? इस रिपोर्ट में हम ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर ये पूरा मामला क्या है और किस पर क्या आरोप लगे हैं? कनाडा ने इस मामले पर क्या कहा है और खुद पन्नू की तरफ से भारत को लेकर क्या बयान दिया गया है? 


क्या आरोप लगाए गए हैं? 


फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है, 'भारत का एक सरकारी कर्मचारी भारत और अन्य जगहों पर निखिल गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा था. इस साल की शुरुआत में इस भारतीय कर्मचारी ने अमेरिका की धरती पर एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रची. राजनीतिक कार्यकर्ता न्यूयॉर्क शहर में रहने वाला भारतीय मूल का अमेरिका नागरिक है.'


डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की तरफ से भारतीय सरकारी कर्मचारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. उसे CC-1 के तौर पर संबोधित किया गया है. डिपार्टमेंट का कहना है कि निखिल गुप्ता CC-1 का साथी है. प्रेस रिलीज में आगे कहा गया, 'CC-1 भारतीय सरकारी एजेंसी में कर्मचारी है. उसने खुद को एक 'सीनियर फील्ड ऑफिसर' बताया है, जो 'सिक्योरिटी मैनेजमेंट' और 'खुफिया' जिम्मेदारियों को देखता था.'


प्रेस रिलीज में कहा गया है, 'CC-1 भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भी काम कर चुका है. उसके पास युद्ध में ऑफिसर ट्रेनिंग और हथियार चलाने की काबिलियत भी है. CC-1 ने भारत में बैठकर ही हत्या करवाने का निर्देश दिया. उसने कथित तौर पर निखिल गुप्ता को हायर किया, जिसका काम अमेरिका में हत्या को अंजाम दिलवाना था.'


कैसे फेल हो गया मिशन? 


डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की प्रेस रिलीज में बताया गया है, 'CC-1 के निर्देश पर गुप्ता ने हत्या को अंजाम देने के लिए एक व्यक्ति से संपर्क किया. गुप्ता ने जिस व्यक्ति से संपर्क किया, उसे वह अपराधी जान रहा था. हालांकि, वह अमेरिकी एजेंसियों के लिए काम करने वाला शख्स था.' इसमें आगे कहा गया, 'ये शख्स गुप्ता एक ऐसे व्यक्ति के पास लेकर गया, जो फर्जी हिटमैन (हत्यारा) था. असल में निखिल ने जिस हिटमैन से मुलाकात की वह अमेरिकी एजेंसी का अंडरकवर एजेंट था.'


प्रेस रिलीज में आगे बताया गया, 'हिटमैन समझे जा रहे अंडरकवर एजेंट के साथ हत्या के लिए एक लाख डॉलर में डील तय हुई. शुरुआती पेमेंट्स के बाद CC-1 ने गुप्ता को पीड़ित की सभी निजी जानकारी दीं. जैसे वह न्यूयॉर्क शहर में कहां रहता है, उसका फोन नंबर क्या है और वह दिन-भर क्या-क्या करता है. इस जानकारी को निखिल गुप्ता ने फर्जी हिटमैन को सौंप दिया. गुप्ता को मालूम ही नहीं था कि ये हिटमैन अमेरिकी एजेंट है.'


निखिल गुप्ता ने हिटमैन को कहा कि वह जल्द से जल्द हत्या को अंजाम दे. लेकिन वह ऐसे वक्त में हत्या नहीं करेगा, जब अमेरिका और भारत के बीच हाई-लेवल मीटिंग होने वाली हो. दरअसल, जून में हत्या की साजिश रची गई थी और उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंचे थे. जून में ही कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या भी कर दी गई. 


गुप्ता को जब इसकी खबर मिली, तो उसने हिटमैन को बताया कि निज्जर को भी निशाना बनाना था. मगर अब वह मर चुका है, लेकिन अभी भी कई टारगेट बचे हुए हैं. CC-1 ने उसी समय गुप्ता को एक न्यूज आर्टिकल भेजा, जिसमें खालिस्तानी नेता की जानकारी थी. उसने मैसेज में गुप्ता को कहा कि अब हमारा टारगेट यही है. हालांकि, इससे पहले ही हत्या को अंजाम दिया जाता, ये पूरा मामला अमेरिकी जांच एजेंसियों के आगे अमेरिकी एजेंट के जरिए खोल दिया गया.  


किसकी हत्या की साजिश रची गई थी? 


डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की तरफ से जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें निखिल गुप्ता के अलावा किसी के नाम का जिक्र नहीं है. टारगेट को 'पीड़ित' कहकर संबोधित किया गया है. हालांकि, इसमें कुछ ऐसे हिंट दिए गए हैं, जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि ये टारगेट कोई और नहीं, बल्कि खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू है. इसकी कई वजहें हैं और प्रेस रिलीज को जब पढ़ा जाता है, तो सारी डिटेल्स पन्नू से ही मैच हो रही हैं. 


इसमें कहा गया है कि पीड़ित भारत सरकार का आलोचक है और वह पंजाब के विभाजन की बात करता है. वह पंजाब को सिख संप्रभु देश बनाना चाहता है. उसका अमेरिका में एक संगठन भी है. भारत सरकार ने उसके संगठन पर बैन लगाया हुआ है और पीड़ित को आतंकी घोषित किया हुआ है. पिछले हफ्ते ही फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अमेरिका ने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी समर्थक पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम भी किया है. 


निखिल गुप्ता कौन है और अब कहां है? 


फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, CC-1 ने कथित तौर पर निखिल गुप्ता को इसलिए हायर किया था, क्योंकि उसके ऊपर भारत में कुछ केस दर्ज हैं. दोनों के बीच मई में संपर्क हुआ था. CC-1 ने गुप्ता को कहा था कि अगर वह इस मिशन को अंजाम करवा देता है, तो उसके ऊपर भारत में लगे आरोपों को हटवा दिया जाएगा. वहीं, गुप्ता के बारे में सिर्फ इतनी ही जानकारी है कि वह भारतीय नागरिक है और उसे 30 जून, 2023 को चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया. 


अमेरिका ने चेक रिपब्लिक के साथ प्रत्यर्पण समझौते के तहत निखिल गुप्ता की कस्टडी मांगी थी. इसके बाद निखिल को अमेरिका लाया गया. उसके ऊपर पैसे लेकर हत्या करवाने और पैसे लेकर हत्या करवाने की साजिश करने का आरोप लगाया है. इन दोनों ही अपराधों के लिए उसे 10-10 साल की सजा हो सकती है. अगर गुप्ता को दोषी पाया जाता है, तो उसे अमेरिका की जेल में 20 साल काटना पड़ सकता है. 


कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने क्या कहा? 


हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर ही लगाया था. ऐसे में जब अमेरिका में भारतीय नागरिक के ऊपर मुकदमे की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत बयान दिया. ट्रूडो ने कहा कि ये मामला दिखाता है कि भारत को अपने ऊपर लगने वाले आरोपों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम करने की जरूरत है कि हम इसकी तह तक पहुंच सकें. यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे कोई हल्के में ले सके.'


पन्नू ने क्या कहा? 


फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए पन्नू ने कहा कि उसका मानना है कि भारत सरकार उसकी हत्या की साजिश रच रही है, क्योंकि वह आजाद पंजाब की बात करता है. उसने कहा, 'अमेरिका की धरती पर मेरी हत्या की कोशिश की गई है. ये भारत के जरिए किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मामला है. इसने अमेरिका की संप्रभुता को चुनौती दी है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए खतरा बन गया है.' पन्नू ने कहा, 'ये आरोप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हैं, जो मानवाधिकार का उल्लंघन करते रहे हे हैं. आलचकों और विरोधियों की आवाज दबाने का उनका पुराना ट्रैक रिकॉर्ड है.'


क्या बिगड़ेंगे भारत-अमेरिका संबंध?


भारत-अमेरिका के संबंधों पर इसके प्रभाव को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबादी होगी. इसकी कई वजहें हैं, जिसमें पहली वजह यह है कि अमेरिका ने अभी तक CC-1 का नाम नहीं बताया है, जिसका मतलब है कि वह नहीं चाहता है कि भारतीय अधिकारी की पहचान जारी हो. दूसरी वजह ये है कि अमेरिका ने सीधे तौर पर अभी भारत के ऊपर पन्नू की हत्या करने की कोशिश करने का आरोप नहीं लगाया है. ऊपर से अभी निखिल गुप्ता के ऊपर मुकदमा चलना है. 


वहीं, अमेरिका इस तरह के मामलों को लेकर भारत संग रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहेगा. इसकी वजह है कि उसे एशिया-प्रशांत में ऐसे साथी की जरूरत है, जो उसे चीन से निपटने में मदद कर सके. भारत के अलावा अभी उसे ऐसा कोई साझेदार नजर नहीं आता है. भारत और अमेरिका क्वाड समेत कई सारे प्रमुख गठबंधनों का भी हिस्सा हैं. ऐसे में अभी ये कहना कि इस गिरफ्तारी और आरोपों का असर भारत-अमेरिका के रिश्तों पर पड़ेगा, थोड़ा जल्दबाजी ही नजर आती है. 


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