Lewiston Mass Shooting: अमेरिका के मेने राज्य के ल्यूइस्टन शहर में बुधवार (25 अक्टूबर, 2023) को उस वक्त मातम फैल गया जब तीन जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग में 22 लोगों की मौत हो गई. तीनों स्थानों पर हुई गोलीबारी करने वाला एक ही शख्स है. इस साल अमेरिका में फायरिंग की यह 565वीं घटना है. साल अभी बीता नहीं है और 15,000 लोग इन घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं. बुधवार की घटना में घायल 50 से ज्यादा लोग अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं और जो इस घटना में किसी तरह बचने में कामयाब हुए वह सदमे में हैं


डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने वाले की पहचान रॉबर्ट कार्ड के रूप में हुई है. वह अमेरिकी सेना रिजर्व में एक फायरआर्म्स ट्रेनर था. मेने स्टेट पुलिस ने बताया कि रॉबर्ट कार्ड की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इस साल गर्मियों में उसे आर्मी से निकाल दिया गया था. पुलिस के मुताबिक, वह कहता था कि उसको अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती हैं और मेने के सैको में उसने नेशनल गार्ड बेस को शूट करने की धमकी भी दी थी, जिसके बाद उसे आर्मी से निकाल दिया गया. रॉबर्ट कार्ड को 22 लोगों की हत्या का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वह घटना के बाद से फरार है. अमेरिका में गोलीबारी की इस साल 500 से ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं और ताजा घटना को सबसे बड़ी घटना के तौर पर देखा जा रहा है.


AR-15 से बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां
आरोपी की गोलीबारी करते हुए कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें वह हाथ में राइफल लिए नजर आ रहा है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने एआर-15 राइफल से लोगों पर गोलियां बरसाईं. पिछली घटनाओं में भी इस हथियार का इस्तेमाल किया जा चुका है.  एआर-15 लाइट वेट राइफल है, जो एक मिनट में 45 से 100 बुलेट बरसा सकती है. राष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने बताया कि AR-15 की सिर्फ एक गोली ही खोपड़ी को उड़ा सकती है. राइफल से निलकने वाली गोलियों की गति इतनी तेज होती है कि इंसान का जिंदा बचना मुश्किल होता है. जब फायरिंग की जाती है तो गोलियां बहुत तेज वेलोसिटी के साथ हमला करती हैं कि महत्वपूर्ण अंगों को फाड़ देती हैं और हड्डियों को चकनाचूर कर देती हैं.


क्यों हमलावरों की पसंदीदा गन है AR-15
AR-15 राइफल के डिजाइन की बात करें तो यह बेसबॉल से छोटी और बॉलिंग बॉल से भी हल्की है. यह सेमी ऑटोमैटिक राइफल अपने कॉम्पैक्ट डिजाइन और किफायती होने की वजह से हमलावरों की पसंदीदा राइफल है. इस तरह की जितनी भी घटनाएं हुई हैं, उनमें से ज्यादातर में इसका इस्तेमाल किया गया है. हाई-वेलिसिटी की गोलियां AR-15 राइफल को घातक बनाती हैं. 1950 के दशक में अमेरिकी फर्म Armalite ने AR-15 को विकसित किया था. AR का मतलब आर्मालाइट राइफल है, और 15 नबंर इसका मॉडल. 


साल 1959 में हथियार बनाने वाली कंपनी कोल्ट ने राइफल का पेटेंट खरीदा और सैन्य एवं नागरिक उपयोग के लिए इसका उत्पादन शुरू कर दिया. 1960 के दशक की शुरुआत में, वियतनाम युद्ध के दौरान AR-15 अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का पसंदीदा हथियार बन गया. बाद में इसे फुली ऑटोमेटिक राइफल में तब्दील कर इसे एम-16 राइफल में विकसित किया गया और आज भी अमेरिकी सेना के जवान इसका इस्तेमाल करते हैं. साल 2000 में अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद एआर-15 की बिक्री तेजी से बढ़ी.


पहले भी शूटरों ने किया एआर-15 राइफल का इस्तेमाल
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से अब तक अमेरिका में हुईं खतरनाक मास शूटिंग की 17 घटनाओं में से 10 में एआर-15 राइफल का इस्तेमाल किया गया है. साल 2017 में लॉस वेगास के एक कॉन्सर्ट, 2012 में सैंडी हुक एलीमेंट्री स्कूल और रॉब एलीमेंट्री स्कूल शूटिंग में भी शूटरों ने इस गन का इस्तेमाल किया था. तीनों घटनाओं में 100 से ज्यादा की मौत हो गई थी. 


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