US Visa Policy: US H-1B वीजा में होने वाले बदलाव से इंडियन प्रोफेशनल को होने वाला है बड़ा फायदा! अमेरिकी कंपनी में नौकरी के मिलेंगे अवसर
H-1B कार्यक्रम में ये बदलाव 2025 से न केवल अमेरिकी कंपनियों के लिए प्रतिभा आकर्षित करने में मदद करेंगे, बल्कि भारतीय पेशेवरों के लिए भी नए अवसरों का मार्ग खोलेंगे.
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US H 1B Visa Policy: H-1B वीजा अमेरिका में नियोक्ताओं को विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी रूप से नियुक्त करने की अनुमति देता है. इस वीजा के लिए ज्यादा नॉलेज की जरूरत होती है. भारतीय पेशेवरों की इसमें प्रमुख भागीदारी है. 2023 में 386,000 H-1B वीजा में से 72.3 फीसदी भारतीयों को जारी किए गए थे.
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने H-1B वीजा कार्यक्रम में बदलावों की घोषणा की है, जो 17 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे. इन बदलावों का उद्देश्य कार्यक्रम की दक्षता बढ़ाना, पारदर्शिता लाना, और दुरुपयोग से बचाव करना है.
H-1B वीजा कार्यक्रम में मुख्य सुधार
- अब डिग्री और नौकरी के बीच एक सही संबंध होना चाहिए. यह संशोधन वीजा आवेदन प्रक्रिया को साफ-सुथरा और अधिक लचीला बनाएगा.
- अमेरिका में F-1 वीजा पर पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए H-1B वीजा में ट्रांसफर की प्रक्रिया आसान हो गई है. जब तक उनका H-1B आवेदन लंबित है, उनका F-1 वीजा खुद-ब-खुद 1 अप्रैल तक बढ़ाया जाएगा.
- गैर-लाभकारी और सरकारी शोध संगठनों को भी H-1B वीजा कैप से छूट के लिए योग्य माना जाएगा, भले ही उनका मुख्य ध्यान शोध पर न हो. यह शोध से जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत लाभार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है.
कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करना
नियोक्ताओं को यह प्रमाणित करना होगा कि वीजा धारक के लिए एक वैध 'विशेष व्यवसाय' नौकरी उपलब्ध है. DHS नौकरी की वास्तविकता की पुष्टि करने के लिए दस्तावेजों का अनुरोध कर सकता है, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता और अखंडता सुनिश्चित होगी.
भारतीय पेशेवरों के लिए क्या है खास?
ये सुधार भारतीय पेशेवरों के लिए कई संभावनाएं खोलते हैं. भारतीयों की उच्च भागीदारी के कारण, ये बदलाव उनके लिए अधिक लाभकारी हो सकते हैं, खासकर तकनीकी और शोध क्षेत्रों में. F-1 वीजा से H-1B में परिवर्तन की प्रक्रिया आसान होने से भारतीय छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी.
H-1B वीजा कार्यक्रम से होने वाले संभावित लाभ
पारदर्शी प्रक्रिया: नियोक्ता और लाभार्थी दोनों के लिए अधिक स्पष्टता और पारदर्शिता.
लचीलापन: कैप-छूट नियमों में सुधार से शोध क्षेत्रों में अधिक अवसर.
प्रभावी ट्रांजिशन: छात्रों के लिए F-1 से H-1B में आसानी से परिवर्तन.
अमेरिकी कंपनियों के लिए फायदेमंद
एच-1बी वीजा कार्यक्रम में ये बदलाव 2025 से न केवल अमेरिकी कंपनियों के लिए प्रतिभा आकर्षित करने में मदद करेंगे, बल्कि भारतीय पेशेवरों के लिए भी नए अवसरों का मार्ग खोलेंगे. ट्रांसपेरेंसी, दक्षता और सुरक्षा पर जोर देने वाले ये सुधार भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होंगे.
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