दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 18 करोड़ 80 लाख के आंकड़े को पार कर गया है. वहीं सबसे प्रभावित देशों में अमेरिका पहले स्थान पर है. सोमवार को अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने वैक्सीन निर्माता फाइजर के साथ बैठक में बूस्टर शॉट को लेकर बड़ी घोषणा की है. अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा के प्रवक्ता विभाग ने कहा है कि 'जिन अमेरिकियों को पूरी तरह से फाइजर की दोनों वैक्सीन लगाई गई हैं, उन्हें बूस्टर शॉट लेने की जरूरत नहीं है.'


दरअसल फाइजर ने पिछले हफ्ते अमेरिकी नियामकों से अपने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक को अधिकृत करने के लिए कहने की योजना बनाई थी. जो टीकाकरण के छह महीने बाद संक्रमण के अधिक खतरे और अत्यधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण के प्रसार को रोकने के साक्ष्य के आधारित है. 


इस पर अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा के प्रवक्ता ने कहा कि एचएचएस अधिकारियों ने सोमवार को फाइजर से टीकाकरण पर अपने प्रारंभिक आंकड़ों के बारे में एक ब्रीफिंग की थी और भविष्य में बूस्टर शॉट्स की आवश्यकता कब और क्या होगी, इस पर चर्चा करना जारी रखेंगे.


इसके साथ ही फाइजर की प्रवक्ता शेरोन कैस्टिलो ने कहा कि उसने एक पीयर-रिव्यू जर्नल में निश्चित डेटा प्रकाशित करने की योजना बनाई है. फाइजर के प्रवक्ता ने कहा कि "फाइजर और अमेरिकी सरकार दोनों ही वायरस से आगे रहने के लिए तात्कालिक भावना शोयर करते हैं जो कोरोना संक्रमण का कारण बनता है, और हम यह भी मानते हैं कि वैज्ञानिक डेटा कठोर नियामक प्रक्रिया में अगले कदमों को निर्देशित करेगा जिसका हम हमेशा पालन करते हैं.'


बता दें कि कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट जो पहले भारत में पाया गया था और अब कई देशों में नए कोरोनोवायरस संक्रमणों का प्रमुख रूप बन गया है. जिसे लेकर इन देशों में उपलब्ध टीके की पर्याप्त सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. कई विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अस्पताल में भर्ती होने या टीकाकरण कराने वाले लोगों की मृत्यु में पर्याप्त वृद्धि होती है तो बूस्टर शॉट की आवश्यकता होगी.


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