America Hikes Visa Charge: अमेरिका ने भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय एच-1बी, एल-1 और ईबी-5 जैसे गैर-आप्रवासी वीजा की विभिन्न श्रेणियों के लिए शुल्क में भारी वृद्धि की घोषणा की है. साल 2016 के बाद पहली बार शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है, जो एक अप्रैल से लागू होगी. एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है.
प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस नीति पर निर्भर हैं. अमेरिकी सरकार ने 1990 में ईबी-5 कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जो विदेशी निवेशकों को अमेरिकी व्यवसाय में न्यूनतम 5 लाख अमेरिकी डॉलर का निवेश करके अपने और अपने परिवार के लिए अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है.
कब से लागू होगा नया नियम
ईबी-5 कार्यक्रम 10 अमेरिकी कामगारों को नौकरियां देने में मदद करता है. एक अप्रैल से लागू होने जा रहे नए शुल्क दर के अनुसार, फॉर्म आई-129 के तहत एच-1बी आवेदन वीजा शुल्क 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 780 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है. एच-1बी रजिस्ट्रेशन शुल्क अगले साल से 10 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 215 अमेरिकी डॉलर हो जाएगा.
बुधवार (31 जनवरी) को जारी एक संघीय अधिसूचना के अनुसार, एल-1 वीजा का शुल्क 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,385 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है और निवेशक वीजा के रूप में लोकप्रिय ईबी-5 वीजा का शुल्क 3,675 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 11,160 अमेरिकी डॉलर हो गया है.
क्या होता है एल-1 वीजा?
एल-1 वीजा अमेरिका में एक गैर-आप्रवासी श्रेणी का वीजा है. यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने विदेशी कार्यालयों से कुछ कर्मचारियों को अस्थाई रूप से अमेरिका में काम करने के लिए स्थानांतरित करने की अनुमति देता है. गृह सुरक्षा विभाग ने अपने संघीय अधिसूचना में कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के द्वारा इस्तेमाल फॉर्म और शुल्क ढांचे में बदलावों के साथ शुल्क समायोजन के आधार पर शुद्ध लागत, लाभ और हस्तांतरण भुगतान होगा.
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