US- Indian Origin Richard Verma: भारतीय मूल के अमेरिकी रिचर्ड वर्मा को गुरुवार (30 मार्च) को अमेरिका की सीनेट के तरफ से विदेश विभाग के शीर्ष पद के लिए नियुक्ति की गयी है. अमेरिकी सीनेट ने भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत के तौर पर अपनी सेवा दे चुके रिचर्ड वर्मा को उप सचिव, प्रबंधन और संसाधन का डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया है.


रिचर्ड वर्मा को अमेरिका में जिस पद पर नियुक्त किया गया है, वो आमतौर पर अमेरिकी सरकार में शक्तिशाली राज्य विभाग के सीईओ के रूप में देखा जाता है. रिचर्ड वर्मा को नियुक्ति करने के लिए वोटिंग कि गई. इसमें 67 लोगों ने उनके लिए वोट किया, जबकि 26 लोगों ने उनके विरोध में.


भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में काम कर चुके
रिचर्ड वर्मा ने पहले जनवरी 2015 से जनवरी 2017 तक भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में काम कर चुके है. फिलहाल रिचर्ड वर्मा मास्टरकार्ड में मुख्य कानूनी अधिकारी और ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के प्रमुख हैं. रिचर्ड वर्मा ने ओबामा प्रशासन के दौरान विधायी मामलों के राज्य के सहायक सचिव के रूप में भी काम किया है.


इससे पहले वो अपने करियर में वह अमेरिका के सीनेटर हैरी रीड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. वो डेमोक्रेटिक व्हिप, अल्पसंख्यक नेता और अमेरिका के सीनेट के बहुमत नेता के रूप में काम करते थे. वर्मा ने द एशिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन, स्टेप्टो और जॉनसन एलएलपी में पार्टनर और सीनियर काउंसलर और अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप में सीनियर काउंसलर के रूप में भी काम किया है. वह संयुक्त राज्य वायु सेना में जज एडवोकेट के रूप में भी काम किया है.


रिचर्ड वर्मा के शैक्षणिक योग्यता
रिचर्ड वर्मा ने लेहाई यूनिवर्सिटी से बीएसी कि डिग्री हासिल कि है. उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर से विशेष योग्यता के साथ LLM और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से PHD कि पढ़ाई पूरी कि है. उन्हें कई तरह के पुरस्कारों  से सम्मानित भी किया गया हैं, जिसमें राज्य विभाग से विशिष्ट सेवा पदक, विदेश संबंध परिषद से अंतरराष्ट्रीय मामलों की फैलोशिप और संयुक्त राज्य वायु सेना से मेधावी सेवा पदक शामिल हैं.


रिचर्ड वर्मा को राष्ट्रपति के खुफिया सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया था और वे सामूहिक विनाश और आतंकवाद आयोग के हथियारों के पूर्व सदस्य भी रह हैं. वो द फोर्ड फाउंडेशन के एक ट्रस्टी के रूप में काम करते है और कई अन्य बोर्डों में ट्रस्टी है, जिसमें नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी और लेहाई यूनिवर्सिटी शामिल हैं.


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