यूक्रेन-रूस तनाव: अमेरिकी खुफिया विभाग का दावा- राष्ट्रपति पुतिन ने दिया हमले का आदेश, यूक्रेन की तरफ बढ़े टैंक
पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी नेताओं ने क्षेत्र में हिंसा बढ़ने और इसकी आड़ में रूस के आक्रमण करने को लेकर पश्चिमी देशों की आशंका के बीच शनिवार को पूर्ण सैन्य लामबंदी का आदेश दिया.
अमेरिकी खुफिया विभाग को इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि यूक्रेन सीमा पर तैनात रूसी सैनिकों को आगे बढ़ने का आदेश मिला है. ये बातें न्यूज़ रिपोर्ट्स में बताई जा रही हैं. सीबीएस न्यूज़ ने सबसे पहले रविवार को यह खबर दी कि क्रेमलिन ने अपने करीब डेढ़ लाख कमांडर्स को संभावित हमले के लिए पॉजिशन बनाने के आदेश दे दिए हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी बताया कि क्रेमलिन ने हमले का आदेश दे दिया है. अखबार ने बताया कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस हफ्ते कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले का फैसला किया है. इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने सीबीएस न्यूज़ को बताया था कि बाइडेन प्रशासन यह मानता है कि रूस यूद्ध की अपनी योजना पर आगे बढ़ रहा है.
रूस ने यूक्रेन के पास सैन्य अभ्यास बढ़ाया
इधर, रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास का विस्तार किया. वहीं, पूर्वी यूक्रेन में सैनिकों और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच गोलाबारी से हमले की आशंका और बढ़ गई है. बेलारूस के रक्षा मंत्री विक्टर ख्रेनिन ने कहा है कि यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के कारण रूसी सैनिकों के साथ उनके देश का संयुक्त अभ्यास जारी रहेगा. पहले के कार्यक्रम के मुताबिक यह अभ्यास रविवार को खत्म होना था. अभ्यास के लिए बड़ी संख्या में रूसी सैनिक बेलारूस आए हुए हैं.
यूक्रेन की उत्तरी सीमा बेलारूस से लगती है. रूसी सैनिकों की मौजूदगी से पश्चिमी देशों को आशंका है कि वे यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस सकते हैं. पश्चिमी देशों के नेताओं ने आगाह किया है कि रूस अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला कर सकता है और उसने तीनों तरफ सीमा के लगभग 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है. रूस ने शनिवार को पड़ोसी देश बेलारूस में परमाणु हथियारों और पारंपरिक युद्धाभ्यास किया। काला सागर तट के पास भी उसके नौसैनिकों ने अभियान में हिस्सा लिया.
अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने आशंका जताई है कि रूस हमला करने के बहाने तलाश रहा है. पश्चिमी देशों ने हमले की स्थिति में तत्काल प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बैठक करके संकट का हल निकालने का प्रस्ताव दिया. जेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि रूस के राष्ट्रपति क्या चाहते हैं. इसलिए, मैं उन्हें मुलाकात का प्रस्ताव देता हूं.’’
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा- केवल कूटनीति के रास्ते पर चलेंगे
जेलेंस्की ने कहा कि रूस बातचीत के लिये स्थान का चयन कर सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिये यूक्रेन केवल कूटनीति के रास्ते पर चलता रहेगा.’’ जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर रूस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने रविवार को कहा, ‘‘बड़ा सवाल यह है कि क्या रूस बातचीत करना चाहता है?’ मिशेल ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, ‘‘ऐसे में जब रूस मिसाइल परीक्षण करता रहता है और सैनिकों को इकट्ठा करना जारी रखता है हम हमेशा शांति-सद्भावना की पेशकश नहीं कर सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक बात निश्चित है. अगर आगे सैन्य आक्रमण होता है तो हम और बड़े प्रतिबंध लगाएंगे.’’
पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी नेताओं ने क्षेत्र में हिंसा बढ़ने और इसकी आड़ में रूस के आक्रमण करने को लेकर पश्चिमी देशों की आशंका के बीच शनिवार को पूर्ण सैन्य लामबंदी का आदेश दिया. दोनेत्स्क और लुहांस्क में अलगाववादी प्राधिकारियों ने महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों को पड़ोसी रूस भेजने की घोषणा की थी. रूस ने अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्र के लोगों के लिए करीब 7,00,000 पासपोर्ट जारी किये.
अलगाववादी क्षेत्रों के अधिकारियों ने दावा किया कि यूक्रेनी सेना ने पिछले दिनों कई तोपों से गोले दागकर हमले किए और रूसी सीमा के पास एक गांव पर हमले में दो नागरिक मारे गए. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रविवार को उस हालात को समझने के महत्व पर जोर दिया जिसका यूरोप सामना कर रहा है. म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में हैरिस ने कहा, ‘‘हम यूरोप में युद्ध की आशंका के बारे में बात कर रहे हैं. सत्तर साल से अधिक हो गए हैं, और उन 70 वर्षों के दौरान...शांति और सुरक्षा रही है.’’
यूक्रेन के नेता ने रूस पर नए प्रतिबंधों को रोकने के लिए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की आलोचना की. जेलेंस्की ने सम्मेलन से पहले की टिप्पणियों में, यूक्रेन को तुरंत नाटो में शामिल होने की अनुमति देने से पश्चिमी देशों के इनकार पर भी सवाल उठाया. पुतिन की मांग है कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाए। अगले कुछ दिनों में युद्ध होने की आशंका के बीच जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है. जर्मन विमानन कंपनी लुफ्थांसा ने राजधानी, कीव और ओडेसा के लिए उड़ानें रद्द कर दीं. कीव में नाटो के संपर्क कार्यालय ने कहा कि यह कर्मचारियों को ब्रुसेल्स और पश्चिमी यूक्रेन शहर लविव में स्थानांतरित कर रहा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा था कि उन्हें यकीन है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन और उसकी राजधानी कीव पर हमला करने का फैसला कर लिया है. एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा था कि यूक्रेन सीमा के आसपास तैनात सुरक्षा बलों के अनुमानित तौर पर 40 से 50 प्रतिशत जवान सीमा के पास हमले की स्थिति में तैनात हैं.
रूस और अमेरिका के बीच वार्ता के भी प्रयास हो रहे हैं. अमेरिकी और रूसी रक्षा प्रमुखों ने शुक्रवार को बात की. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अगले सप्ताह मिलने पर सहमत हुए हैं. यूरोपीय संघ (ईयू) की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने शनिवार को कहा कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला करता है तो पश्चिमी प्रतिबंधों के तहत मास्को के पास केवल सीमित वित्तीय बाजारों और सीमित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी सामान तक पहुंच होगी. फिलहाल, सबसे ज्यादा खतरा पूर्वी यूक्रेन में है, जहां अलगाववादी संघर्ष 2014 में शुरू हुआ और इसमें 14,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. अलगाववादी और यूक्रेन के सैनिक लगभग आठ वर्षों से लड़ रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों को अलग करने वाली सीमा पर हिंसा हाल के दिनों में बढ़ गयी है.
रूस ने शनिवार को कहा कि पूर्वी यूक्रेन की सरकार के कब्जे वाले हिस्से से दागे गए कम से कम दो गोले सीमा पार गिरे. हालांकि यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दावे को ‘‘एक फर्जी बयान’’ बताते हुए खारिज कर दिया था. दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस समर्थक अलगाववादी सरकार के प्रमुख डेनिस पुशिलिन ने शनिवार को एक बयान जारी कर पूर्ण सैन्य लामबंदी की घोषणा की और रिजर्व बल के सदस्यों से सैन्य भर्ती कार्यालय में आने का अनुरोध किया. लुहांस्क में एक अन्य अलगाववादी नेता लियोनिद पेसेचनिक ने भी ऐसी ही घोषणा की है। पुशिलिन ने यूक्रेन की सेना से ‘‘आक्रमण के आसन्न खतरे’’ का हवाला दिया है.
इस बीच, पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी सेना के अधिकारियों पर गोलाबारी की गई. अधिकारियों ने गोलाबारी से बचने के लिए क्षेत्र में बनाए गए बम रोधी आश्रय स्थल में शरण ली. क्षेत्र के दौरे पर गए ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के एक पत्रकार ने यह जानकारी दी. बाकी अन्य जगहों पर यूक्रेन के सैनिकों ने कहा कि उन्हें जवाबी गोलीबारी नहीं करने के आदेश दिए गए हैं. पूर्वी यूक्रेन की सीमा के पास, संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आ रहे लोगों के कारण रूस के रोस्तोव क्षेत्र में अधिकारियों ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है.
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