अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट: भारत में 2019 के आम चुनाव पर मंडरा रहा सांप्रदायिक दंगों और आतंकी हमले का ख़तरा
2018 में जब अमेरिका ने यही रिपोर्ट दी थी तब भारत का कोई खासा ज़िक्र नहीं था. उस रिपोर्ट में भारत को लेकर ये ज़िक्र ज़रूर था कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ उसे तनावपूर्ण रिश्तों का सामना करना पड़ा रहा है.
वॉशिंगटन: अमेरिका के इंटेलिजेंस ने वैश्विक ख़तरों को लेकर एक ताज़ा रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में इस बात की चेतावनी दी गई है कि आम चुनावों के दौरान भारत में सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगों की संभावना तब और ज़्यादा होगी अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 'हिंदू राष्ट्रवाद' को बढ़ावा देती है और 'भारत में मौजूद आतंकियों को पाकिस्तान से समर्थन मिलने के बात पर ज़ोर' देती है.
ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में अफगानिस्तान में होने वाली आम चुनावों की वजह से दक्षिण एशिया को भारी ख़तरे का सामना करना पड़ सकता है. ख़तरे की बड़ी वजह तालिबान द्वारा किए जाने वाली आतंकी हमलों को बताया गया है. इसमें एक बड़ी बात ये भी कही गई है कि पाकिस्तान आतंकियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहा है और इसकी वजह से भी इन चुनावों पर हिंसा के बादल मंडरा रहे हैं. वहीं, भारत के चुनावों में सांप्रदायिका हिंसा की भी बात कही गई है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ईरान में परमाणु बम बनाने के ताज़ा प्रयासों से जुड़ी कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं, ये भी कहा गया है कि नॉर्थ कोरिया अपने परमाणु बम त्यागने के मूड में नहीं है. रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी ख़ारिज कर दिया गया है जिसमें ट्रंप ने आईएसआईएस के ख़ात्मे की घोषणा की है. रिपोर्ट का कहना है कि इराक और सीरिया में अभी भी आईएसआईएस के हज़ारों लड़ाके हैं.
ये एक सालाना रिपोर्ट है जिसे यूएस इटेलिजेंस के डायरेक्टर डेनियल कोस्टा ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश किया. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि 'पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में जैसी नीतियां बनी हैं उसने बीजेपी शासित राज्यों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है.' वहीं, ये भी कहा गया है कि इन राज्यों के बीजेपी नेता अपने समर्थन में इजाफे के लिए हल्की हिंसा का सहारा ले सकते हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में सांप्रदायिक तनाव देश के मुसलमानों को इससे दूर कर सकता है और इसकी वजह से इस्लामिक आतंकी समूहों को देश में पैठ बनाने में मदद मिल सकती है. आपको बता दें कि 2018 में जब अमेरिका ने यही रिपोर्ट दी थी तब भारत का कोई खासा ज़िक्र नहीं था. उस रिपोर्ट में भारत को लेकर ये ज़िक्र ज़रूर था कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ उसे तनावपूर्ण रिश्तों का सामना करना पड़ा रहा है.
रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को मिलने वाली संरक्षण की बात को बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी भारत और अफगानिस्तान पर हमले करना जारी रखेंगे. इसका एक लक्ष्य अमेरिका के हितों को नुकासन पहुंचाना भी होगा.
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