वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के द्वारा एफ-16 लड़ाकू विमान के गलत इस्तेमाल संबंधी रिपोर्टों पर अमेरिका जानकारियां जुटा रहा है. भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को एएमआरएएएम के कुछ टुकड़े दिखाए थे. भारत ने ये साबित करने के लिए ये टुकड़े दिखाए थे कि पाकिस्तान ने अमेरिका में बने एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कश्मीर में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले के लिए किया था.


अमेरिका के रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉकनर ने कहा, "विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंधों में अप्रकटीकरण समझौते के कारण हम उसमें दर्ज एंड यूजर समझौतों के बारे में चर्चा नहीं कर सकते." साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका अत्याधुनिक रक्षा साजो सामान बेचने वाला विश्व का सबसे बड़ा देश है. अमेरिका के पास मजबूत एंड यूजर निगरानी समझौता है, जो रक्षा साजो सामान के दुरुपयोग के किसी भी आरोप को बेहद गंभीरता से लेता है.


नहीं किया किसी F-16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल- पाकिस्तान


दरअसल पाकिस्तान ने बुधवार को दावा किया था कि किसी एफ-16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल नहीं किया गया था. उसने साथ ही इस बात से भी इनकार किया था कि भारतीय वायुसेना ने उसके एक विमान को मार गिराया है. पाकिस्तान के द्वारा भारत के साथ सीमा संघर्ष में अमेरिका के साथ हुए 'एंड-यूजर' समझौते का उल्लंघन किये जाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम इन रिपोर्टों से अवगत हैं और जानकारियां जुटा रहे हैं."


पेंटागन की डिफेंस सिक्योरिटी एंड कॉरपोरेशन एजेंसी (डीएससीए) के अनुसार एफ-16 विमान आतंकवाद निरोधक अभियानों में पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाने के लिए हैं. सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान पर एफ-16 विमानों के इस्तेमाल को लेकर लगभग 12 पाबंदियां लगाईं हैं.


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