US- India Relation: हाल के कुछ सालों में चीन (China) ने भारतीय सीमा पर अपनी सेना की घुसपैठ को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इसका ताजा उदाहरण हाल ही में देखने को मिला जब चीन ने भारत के उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में कब्जा करने की कोशिश की थी. इसके अलावा चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम को बदल दिया था.
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमेरिका ने हमेशा से भारत का अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर पक्ष लिया है. इसी बीच अमेरिका के सीनेट की विदेश संबंध समिति ने बुधवार (21 जून) को अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न बताते हुए एक द्विदलीय प्रस्ताव पर विधेयक पेश किया है. ये समिति पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान एक दिन विधेयक पर चर्चा करने के लिए विचार करेगी.
अमेरिका ने की चीन की निंदा
अमेरिका के विदेश संबंध समिति ने विधेयक में चीन की निंदा की है. उन्होंने विधेयक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के तरफ से किए गए उकसावे भरी कार्रवाई की आलोचना की है. इसके अलावा अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव के जरिए चीन के तरफ से विवादित क्षेत्रों में गांवों के निर्माण, अरुणाचल प्रदेश में शहरों और सुविधाओं के लिए मंदारिन भाषा के नामों के साथ मानचित्रों के प्रकाशन और भूटान तक अपने क्षेत्रीय दावों के विस्तार की आलोचना की है. अमेरिकी सीनेटर जेफ मर्कले और बिल हैगर्टी के तरफ से विधेयक पेश किया गया है.
चीन का अरुणाचल प्रदेश को लेकर दावा
चीन अरुणाचल प्रदेश को ज़ंगनान कहता है और दावा करता है कि यह दक्षिण तिब्बत है. इस दावे को विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य भारत का अविभाज्य अंग है. चीन नियमित रूप से अपने दावे की पुष्टि करने के लिए शीर्ष भारतीय नेताओं और अधिकारियों के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का विरोध करता है.
वहीं इस पर अमेरिकी सीनेट के तरफ से पेश किया गया विधेयक चीन से आक्रामकता और सुरक्षा खतरों के खिलाफ खुद को बचाने के लिए भारत की तरफ से उठाए गए कदम की सराहना करता है.
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