US-China Relation: 'चीन का आक्रामक व्यवहार परेशान करने वाला', अमेरिका ने साउथ चाइना सी को लेकर कही ये बात
South China Sea: अमेरिका ने चीन के साउथ चाइना सी पर बढ़ते प्रभाव पर चिंता जाहिर की. वहीं US ने कहा कि कुछ ऐसे इलाके भी हैं, जहां हम मानते है कि चीन के साथ सहयोग करने के लिए जगह है.
US-China Relation: अमेरिका के व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने चीन को लेकर बात कही. उन्होंने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका कुछ मामलों में चीन के व्यवहार से चिंतित है. वहीं मामलों की बात करें तो यूएस खास कर साउथ चाइना सी में ड्रैगन के बढ़ते दबदबे और आक्रामक व्यवहार को लेकर चिंतित है.
जॉन किर्बी ने कहा कि चीन विशेष रूप से साउथ चाइना सी को लेकर झूठे दावे करता है. वो वहां गैर कानूनी चीजों को छुपाने की कोशिश करता है. किर्बी ने अमेरिकी मीडिया फॉक्स एक सवाल को लेकर चीन के साउथ चाइना सी को लेकर किए जा रहें आक्रामक व्यवहार के बारे में बात की.
बातचीत के रास्ते खुले रखने जरूरी
पत्रकार ने जॉन किर्बी से सवाल करते हुए पूछा कि क्या राष्ट्रपति बाइडेन को लगता है कि चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन कर रहा है. व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कुछ ऐसे एरिया भी है, जहां हम मानते हैं कि चीन के साथ तालमेल करने के लिए जगह है. हम उसे भी आगे बढ़ाने में सक्षम होना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए बातचीत के रास्ते खुले रखने जरूरी है. वैसे भी तब जब चीजें बहुत तीखी हो.
LAC पर हुई भारत-चीन झड़प से संबंधित जानकारी
इससे पहले अमेरिका ने मंगलवार (21 मार्च) को एक समाचार रिपोर्ट की पुष्टि करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि देश ने पिछले साल भारतीय सेना को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी साझा की थी, जिससे उसे सीमा पर चीनियों से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली. दैनिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहानी से इनकार नहीं किया और न ही इसकी पुष्टि की और कहा कि नहीं, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता.
यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार ने पहली बार अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में PLA की ओर से घुसपैठ से पहले चीनी पदों और बल की ताकत के बारे में अपने भारतीय समकक्षों को रियल टाइम डिटेल के बारे में जानकारी साझा की थी. आपको बता दें कि पिछले साल 9 दिसंबर, 2022 को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैकड़ों भारतीय और चीनी सेनाएं आपस में भिड़ गईं थी.
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