ट्रंप को अमेरिकी जज ने दिया बड़ा झटका, इस देश के छात्रा को डिपोर्ट करने से रोका
अमेरिकी जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के आदेश को अस्थायी रूप से रद्द कर कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा युंसेओ चंग के डिपोर्टेशन को रोक दिया

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा विदेशी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में ट्रंप ने फिलिस्तीनी प्रदर्शनों से जुड़े छात्रों पर शिकंजा कसने का फैसला लिया था, लेकिन एक अमेरिकी न्यायाधीश ने ट्रंप के इस कदम पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश नाओमी बुचवाल्ड ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा युंसेओ चंग के खिलाफ सरकार के आदेश को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और उसे गिरफ्तार करने या डिपोर्ट करने से रोक दिया.
इस फैसले ने ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई को बड़े सवालों के घेरे में डाल दिया है. चंग दक्षिण कोरिया की नागरिक हैं और अमेरिका में स्थायी निवासी हैं, फिलिस्तीनी समर्थन में प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण निशाने पर आ गई थीं. सरकार का आरोप था कि उनका व्यवहार अमेरिकी विदेश नीति के खिलाफ था और इसी आधार पर उनके डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी. हालांकि कोर्ट में जज बुचवाल्ड ने इस मामले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, 'रिकॉर्ड में ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि चंग समुदाय के लिए कोई खतरा हैं.' उन्होंने यह भी कहा, 'एक 21 साल की छात्रा हैं, जिसे किसी प्रकार का खतरा नहीं माना गया, उसे ICE की हिरासत में डालने का विचार गलत है."
चंग ने किया था मुकदमा दायर
चंग ने इस कार्रवाई के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया था, जिसमें उनका आरोप था कि ट्रंप प्रशासन उनका राजनीतिक विचार दबाने के लिए इमिग्रेशन कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है. उनके वकील रामजी कस्सम ने कहा, 'आज से चंग को डर नहीं है कि ICE उनके दरवाजे पर आएगी और उन्हें रातों रात उठा ले जाएगी.'
चंग के खिलाफ यह कदम उसी समय उठाया गया था जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक और छात्र महमूद खलील पर भी निर्वासन की धमकी दी गई थी. इन दोनों मामलों ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या ट्रंप प्रशासन विदेशी छात्रों के राजनीतिक विचारों को दबाने के लिए इमिग्रेशन कानून का दुरुपयोग कर रहा है. न्यायाधीश का यह फैसला प्रशासन के लिए एक बड़ी हार साबित हुआ है और इससे यह भी साफ होता है कि किसी भी नागरिक या छात्र के राजनीतिक विचारों को दबाना एक असंवैधानिक कदम हो सकता है.
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