पोर्ट ब्लेयर/वॉशिंगटन: अंडमान में आदिवासियों के तीर से मौत का शिकार हुए अमेरिकी नागरिक के बारे में एक अश्चर्यजनक बात सामने आई है. जिस दिन उसकी हत्या हुई थी उसके एक रात पहले जोहान चाउ को लगा था कि उसकी मौत तय है. इस द्वीप के लोगों को ईसाई बनाने निकले चाउ ने इसी रात लिखा था कि वो डरे हुए हैं.


मौत से एक रात पहले चाउ ने लिखा, "सूरज को डूबते हुए देखना खूबसूरत है - मैं रो भी रहा हूं ... ऐसा भी लग रहा है कि कहीं ये मेरा आखिरी सूर्यास्त तो नहीं होगा." अंडमान द्वीप के सेंटिनल लोगों के साथ उनकी आख़िरी मुलाकात अच्छी नहीं रही थी. सेंटिनल मूल के लोग शिकार प्रवृति के होते हैं और अभी तक उन्होंने बाहरी दुनिया द्वारा संपर्क के सभी प्रयासों को ख़ारिज कर दिया है.


चाउ के धर्म परिवर्तन की इस मुहिम के दौरान एक युवा सेंटिनल ने उनके ऊपर तीर चलाया था जो उनके वाटर प्रूफ बाइबिल तो छेदता हुआ पार कर गया. बावजूद इसके वो एक बार फिर इन लोगों को पास इस सोच के साथ पहुंचे की वो भगवान के संदेश वाहक हैं. चाउ लिखते हैं, "भगवान, क्या ये शैतान का आख़िरी गढ़ है जहां किसी को आपके बारे में नहीं पता या आपका नाम तक सुनने का मौका नहीं मिला?"


उन्होंने ये बातें एक डायरी में लिखी हैं जिसे उनकी मां ने अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट को सौंप दी है. ये डायरी उस नाविक के पास थी जो चाउ को इस द्वीप पर लेकर आया था. इसमें चाउ ने पेन और पेंसिल से 13 पन्नों में इस दौरान जो भी हुआ उसके बारे में लिखा है. द्वीप पर चाउ के आख़िरी दौरे की अगली सुबह इसी नाविक ने देखा कि उनके शरीर को रेत में दफनाया जा रहा है.


अंडमान की राजधानी निकोबार की पुलिस ने एक हेलिकॉप्टर और पुलिस की टीम को घटना स्थल पर भेजकर ये पता लगाने की कोशिश की कि क्या चाउ का शरीर वापस लाया जा सकता है. अपना सहयोग देने के लिए अमेरिकी राजनयिक भी पोर्ट ब्लेयर पहुंचे हैं. चाउ की डायरी में एक युवा के उस दिमागी सनक की झलक है जो सेंटिनल मूल के लोगों को ईसाई बनाना चाहता है.


आपको बता दें इस समुदाय के लोग बाहरी दुनिया के संपर्क से लगभग अछूते रहे हैं और इस मामले में इन्हें भारतीय कानून का संरक्षण प्राप्त है. डायरी से ये भी साफ है कि चाउ को पता था कि उनका ये मिशन गैरकानूनी था और उन्होंने उन प्रयासों का भी ज़िक्र किया है जो उन्होंने भारतीय अधिकारियों से बचने के लिए की थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अमेरिकी नागरिक ने इस बारे में किसी को नहीं बताया था.


आपको ये भी बता दें कि 2015 से अभी तक चाउ ने इस जगह के चार दौरे किए थे. आपको बता दें कि इस जनजाति की तीर का शिकार हुए चाउ के परिवार का कहना है कि उन्होंने बेटे की हत्या करने वालों को माफ कर दिया है. चाउ को यहां तक पहुंचने में मदद करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, भारतीय प्रशासन का कहना है कि उनका शरीर वापस पाने में अभी कुछ वक्त लग सकता है. चाउ की हत्या इसी हफ्ते हुई है.


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