US Train Derail: अमेरिका के मिनेसोटा में गुरुवार (30 मार्च) को इथेनॉल (एसिड) से भरी ट्रेन पटरी से उतर गई. इस वजह से ट्रेन के कई डिब्बों में आग लग गई. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक आस-पास में रहने वाले लोगों को एहतियात के तौर पर अपने घरों को खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा.


BNSF रेलवे के एक बयान के मुताबिक, ट्रेन के 22 कोच पटरी से उतर गए. अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने कहा कि दुर्घटना के 14 घंटे से अधिक समय के बाद भी आग जलती रही. इथेनॉल से भरे ट्रेन के चार कोच में आग भी आग लग गई.


सुबह तक धधकती रही आग
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, ट्रेन में सुबह गुरुवार तक आग धधकती रही. प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि गिरे हुए बाकी के कोच से इथेनॉल (एसिड) रिलीज हो सकती हैं. एजेंसी के अनुसार जलने वाले चार ट्रेन कोचों में सेनथेटिक इथेनॉल भरा है. इस तरह के इथेनॉल का इस्तेमाल पेट्रोलियम प्रोडक्ट को बनाने में किया जाना था. चालक दल बाकी के तीन सेनथेटिक इथेनॉल से भरे कोच पर होने वाले असर का अनुमान लगा रही है.


सेनथेटिक इथेनॉल की ज्वलनशीलता बहुत ही ज्यादा होती है. इसके संपर्क में आने की वजह से लोगों को खांसी, चक्कर, आंखों में जलन, उनींदापन और यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है. कांदेही काउंटी शेरिफ कार्यालय ने प्रेस रिलीज जारी किया. इसके अनुसार  रेमंड में रात 1 बजे से ठीक पहले ट्रेन पलट गई. इस दुर्घटना के तुरंत बाद आधे मील के भीतर के घरों को खाली करा लिया गया. उन्होंने फेसबुक पर कहा कि दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ है.


अधिकारियों ने आदेश वापस ले लिया 
जांच पड़ताल खत्म होने के बाद दोपहर के आसपास अधिकारियों ने आदेश वापस ले लिया और निवासियों को अपने घरों में सुरक्षित लौटने के लिए कहा गया. अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने घोषणा की कि वह BNSF की पर्यावरण निगरानी गतिविधियों पर नजर रख रही है और साथ ही वोलाटाइल कार्बनिक कंपाउंड और कण पदार्थ के हवा में मिलने की निगरानी कर रही है.


EPA में अब तक कोई भी (पार्टिकुलेट मैटर) स्तर नहीं पाया है और वोलाटाइल कार्बनिक कंपाउंड के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के निम्न स्तर का पता केवल गैर-आबादी वाले क्षेत्रों में ही पता चल सका.


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