Pakistan-Afghanistan Relation: पाकिस्तान को अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमेरिका ने दिया झटका, कहा- अफगानी रिफ्यूजी आतंकी कामों में शामिल नहीं
Pakistan-Afghanistan: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया था, जिस पर अमेरिका ने सफाई दी है.
Pakistan-Afghanistan Relation: पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले अफगानिस्तानी रिफ्यूजी पर आतंकी हमलों में शामिल होने आरोप लगाया था. इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार (17 जुलाई) को कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे या अफगानिस्तान के साथ लगने वाली सीमा पर रह रहे अफगान शरणार्थियों के आतंकवाद से जुड़े कामों में शामिल होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दो दिन पहले कहा था कि देश में बढ़ते आतंकवादी हमलों के बीच अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान में बसने की अनुमति देना एक गंभीर गलती थी. आसिफ ने कहा था, ‘‘मौजूदा स्थिति ने अफगान शरणार्थियों को प्रदान की गई सुविधाओं के संबंध में चिंताएं बढ़ा दी हैं.’’ उन्होंने कहा कि अफगान शरणार्थियों को आश्रय और सुविधाएं देने के परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़े हैं.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने लगाए आरोप
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया था. किर्बी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में या अफगानिस्तान से लगने वाली उसकी सीमा पर रह रहे अफगान शरणार्थियों के आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने के हमें कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, 'इतनी अधिक संख्या में अफगान नागरिकों की मदद करने के लिए अमेरिका पाकिस्तान की सराहना करता है और हम आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना जारी रखेंगे.'
'इमरान खान कार्यकाल में गंभीर गलतियां'
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार (15 जुलाई) को कहा था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान काफी गंभीर गलतियां की थी. उन्होंने कहा था, ‘‘तीन लाख से अधिक लोगों को यहां लाया गया है, जबकि 500,000 अफगान प्रवासी पहले से मौजूद हैं."
पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को तालिबान शासित अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा कि पड़ोसी देश में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकवादियों को पनाहगाह और नए-नए हथियार उपलब्ध कराना आतंकवादी हमलों में वृद्धि के कारणों में से एक हैं.
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