वाशिंगटन: भारत जैसे देशों के टिक टॉक जैसे मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाने से चीन के निगरानी कार्य से एक बड़ा टूल हट जाता है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने मंगलवार को फॉक्स न्यूज रेडियो को एक इंटरव्यू में यह बात कही. उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन, टिक टॉक, वीचैट और कुछ अन्य एप को बहुत ही गंभीरता से चैक कर रहा है.


टिक टॉक जैसे एप्लिकेशन द्वारा उत्पन्न खतरों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा "भारत ने उन ऐप्स पर पहले से ही प्रतिबंध लगा दिया है. यदि वे भारत और  अमेरिका और कुछ पश्चिमी यूरोपीय देशों को खो देते हैं तो जासूसी के काम या सीसीपी (चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी) के निगरानी कार्य से एक बड़ा टूल दूर हो जाता है.


टिक टॉक करता है फेस रिकॉग्नाइज


ब्रायन ने कहा कि जो बच्चे टिक टॉक का उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए यह बहुत मज़ेदार हो सकता है. लेकिन कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी हैं जिनका वे उपयोग कर सकते हैं. टिक टॉक फेस को रिकॉग्नाइज करता है.  उन्होंने कहा, "वे आपके सभी पर्सनल, प्राइवेट, इंटिमेंट डेटा प्राप्त कर रहे हैं. उन्हें पता चल रहा है कि आपके दोस्त कौन हैं, आपके माता-पिता कौन हैं. वे आपके सभी रिश्तों को मैप कर सकते हैं."


ओ'ब्रायन के अनुसार, चीन में क्लाउड में बड़े पैमाने पर सुपर कंप्यूटरों के लिए सभी जानकारी सीधे जा रही है." चीन आपके बारे में सब कुछ जानने वाला है. वे आप पर बायोमेट्रिक्स रखने जा रहे हैं. इसके बारे में बहुत सावधान रहना चाहिए क आप इस तरह की व्यक्तिगत जानकारी किसको देते हैं."


उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने न केवल टिकटॉक में बल्कि वीचैट और कुछ अन्य चीनी एप के मामले को देख रहा है. चीनी, अमेरिका के व्यक्तिगत डेटा के बड़े कंज्यूमर हैं. ब्रायन ने कहा,"वे या तो कोशिश करेंगे और आप उन्हें वीचैट या टिक टॉक के माध्यम से मुफ्त में दे सकते हैं ,यदि वे इसे प्राप्त नहीं कर सकते, तो वे इसे चुरा लेंगे."


चीन पर हैकिंग का भी लगाया आरोप


उन्होंने कहा कि चीन ने मैरियट में हैक कर लिया है और उनके पासपोर्ट नंबरों सहित लाखों लोगों के निजी डेटा को चुरा लिया है. उन्होंने कहा कि चीन ने हैकिंग से पासपोर्ट नंबरों सहित लाखों लोगों के निजी डेटा को चुरा लिया है. उन्होंने ज्यादातर क्रेडिट डिटेल प्राप्त करने के लिए एक्सपेरियन और अन्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में हैकिंग की .उन्होंने एंथम हेल्थकेयर में हैक किया है ताकि वे चिकित्सा विवरण प्राप्त कर सकें.


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