2,000 से अधिक राइफल ले जा रही नाव को अमेरिकी नौसेना ने पकड़ा, ईरान से तस्कर ले जा रहे थे हथियार, क्या था मकसद
US Navy Caught A Boat: जानकारी के मुताबिक ये नाव ईरान से हथियार लेकर यमन में हूती विद्रोहियों को सप्लाई करने वाले थे.
US Navy Caught A Boat: अमेरिकी नौसेना ने 2,000 से अधिक असॉल्ट राइफल की तस्करी करने वाले एक नाव को जब्त किया है. जानकारी के मुताबिक ये नाव ईरान से हथियार लेकर यमन में हूती विद्रोहियों तक हथियार ले जा रही थी. बहरीन में नौसेना के पांचवें बेड़े के प्रवक्ता टिमोथी हॉकिन्स ने घटना की जानकारी देते हुए कहा,''गश्त के दौरान नाव में हथियारों की तस्करी का पता चला. 2,116 कलाश्निकोव-शैली की एके -47 राइफलों बरामद किए गए हैं. इन्हें जहाज पर हरे रंग के तिरपाल में लपेटा हुआ पाया गया था.''
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हूती विद्रोहियों के हथियारों की आपूर्ति पर अप्रैल 2015 में प्रतिबंध लगा दिया था. ईरान ने हमेशा हूती विद्रोहियों को हथियार देने से इनकार किया है, लेकिन ईरान को कई बार राइफल, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, मिसाइल और अन्य हथियारों को समुद्र के रास्ते हूती विद्रोही को पहुंचाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है.
कौन हैं और कहां से आते हैं हूती?
हूतियों का उदय 1980 के दशक में यमन में हुआ. यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा आदिवासी संगठन है. हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं. 2011 से पहले जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, तब शियाओं के दमन की कई घटनाएं सामने आईं. ऐसे में शियाओं में सुन्नी समुदाय के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा.
हूतियों का यमन के सुन्नी मुसलमानों के खराब संबंध रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक 2000 के दशक में विद्रोही सेना बनने के बाद हूतियों ने 2004 से 2010 तक यमन में सालेह की सेना से छह बार युद्ध किया. साल 2011 में अरब देशों (सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और अन्य) के हस्तक्षेप के बाद यह युद्ध शांत हुआ. तानाशाह सालेह को देश की जनता के प्रदर्शनों के चलते पद छोड़ना पड़ा. इस दौरान अब्दरब्बू मंसूर हादी यमन के नए राष्ट्रपति बने, लेकिन देश में जिहादी आतंकियों के बढ़ते हमले, दक्षिणी यमन में अलगाववादी आंदोलन, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सेना का पूर्व राष्ट्रपति सालेह को समर्थन हादी के लिए समस्या बना रहा, आखिरकार जब हूतियों को अपनी समस्याओं का हल होता नहीं दिखा, तो उन्होंने हादी को भी सत्ता से बेदखल कर दिया और राजधानी सना को अपने कब्जे में ले लिया.
ईरान अक्सर करता है मदद
ईरान दुनिया का सबसे बड़ा शिया बहुल देश है. हूती मुस्लिम भी इसी समुदाय से आते हैं और इसी कारण ईरान इनकी मदद करता है. ईरान इनको यमन में युद्ध जारी रखने के लिए हथियार देता है.