New York Museum Return Indian Sculpture: अमेरिका के न्यूयॉर्क में मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट को भारतीय मूर्तियों के तस्करी की जानकारी मिली. इसके बाद म्यूज़ियम ने 15 मूर्तियों को भारत को लौटाने की घोषणा की है. एक प्रेस रिलीज में कहा कि ये सारी मूर्तियां भारतीय-अमेरिकी तस्कर सुभाष कपूर ने बेची थी.


भारतीय-अमेरिकी तस्कर सुभाष कपूर को 2011 में जर्मनी में इंटरपोल ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल सुभाष कपूर भारत में कैद है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चोरी की गई मूर्तियां मध्य प्रदेश के बलुआ पत्थर कि बनी हुई है. ये सारी मूर्तियां पहली शताब्दी ईसा पूर्व से 11वीं शताब्दी तक कि है.


मौजूद मार्केट कि कीमत 8 करोड़
बलुआ पत्थर पर अप्सरा की स्मृति उकेरी हुई है. इसकी मौजूद मार्केट में कीमत $1 मिलियन (8 करोड़) से अधिक है. स्मगल की गई मूर्ति में टेराकोटा, तांबा और पत्थर कि बनी मूर्तियां शामिल है. इसके अलावा स्मगल की गई चीजों में चंद्रकेतुगढ़ के वक्त के चीनी के मिट्टी के बर्तन शामिल है.


इनमें 8 वीं शताब्दी से लेकर 2 शताब्दी के एक पत्थर की प्रतिमा है. इसमें एक श्वेतांबर जिना है, जो सिंहासन पर बैठाया हुआ है. मैनहट्टन में साल 2019 के दौरान आर्ट डीलर पर मूर्तियों को चोरी करने और 30 सालों तक रखने के आरोप लगाया गया. वहीं सुभाष कपूर को नवंबर 2022 में तमिलनाडु की एक अदालत ने 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी.


भारत को 307 पुरातात्विक समान लौटा चुका है
सुभाष कपूर के कामों को लेकर साल 2015 में होमलैंड सिक्योरिटी से संपर्क किया गया था. इसके बाद मैनहट्टन जिला अटॉर्नी ने सुभाष कपूर की आपराधिक जांच में मदद किया. म्यूजियम ने कहा कि वे पुरावशेषों की जिम्मेदारी से खरीद का पालन करेंगे.


उन्होंने नए अधिग्रहण और इसके मौजूदा संग्रह के लिए सख्त मानक निर्धारित किए हैं. वहीं वर्तमान में संदिग्ध डीलरों से हासिल कामों के ब्यौरे की जांच कर रहा है. नोट में कहा गया है कि भारत सरकार के साथ अपने लंबे जुड़ाव का सम्मान करके खुश है.


अमेरिका ने अक्टूबर 2022 में भारत को 307 पुरातात्विक समान को लौटाया था, जिसकी कीमत लगभग 4 मिलियन डॉलर (32 करोड़) थी.


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