अमेरिका की North Carolina University ने सिख छात्रों को कैंपस में कृपाण लाने की दी छूट, लेकिन रखी ये शर्तें
US University: शार्लोट में नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में एक सिख छात्र को परिसर में कृपाण रखने की वजह से हिरासत में ले लिया गया था. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही इस घटना की जमकर आलोचना हुई थी.
Sikh Student: अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना (North Carolina University) ने एक बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के तहत अब सिख छात्रों को कैंपस (Sikh Students) में कृपाण (Kirpan) रखने की अनुमति मिल गई है. दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना ने अपनी वेपन्स ऑन कैंपस नीति को अपडेट किया है. अपडेट नीति के अनुसार, यूनिवर्सिटी छात्रों (Students) को परिसर में तब तक कृपाण रखने की अनुमति देगा जब तक ब्लेड की लंबाई 3 इंच से कम हो और हर वक्त एक म्यान में शरीर के करीब हो.
दरअसल, दो महीने पहले शार्लोट में नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में एक सिख छात्र को परिसर में कृपाण रखने की वजह से हिरासत में ले लिया गया था. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही इस घटना की जमकर आलोचना हुई थी. ट्विटर पर ये कहते हुए वीडियो पोस्ट किया गया था कि छात्र ने पुलिस ऑफिसर के कहने पर अपनी कृपाण हटाने से मना करने पर दिया, जिसके बाद उसे हथकड़ी लगाई गई थी.
सिख छात्रों को कैंपस में कृपाण ले जाने की अनुमति
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना की तरफ से गुरुवार (17 नवंबर) को एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि छात्रों को कैंपस में कृपाण ले जाने की अनुमति है, जब तक कि ब्लेड की लंबाई 3 इंच से कम हो और हथियार एक म्यान में हमेशा छात्रों के पास हो." जारी किए गए बयान पर चांसलर शेरोन एल गैबर और मुख्य विविधता अधिकारी ब्रैंडन एल वोल्फ ने हस्ताक्षर किए थे.
यूनिवर्सिटी की तरफ से जानी बयान में क्या कहा गया?
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना की तरफ से जारी बयान में आगे कहा गया है, "पिछले कई हफ्तों से हम स्थानीय और वैश्विक सिख समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं कि कैसे हम अपने कैंपस की सुरक्षा करते हुए धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों का सम्मान करने के लिए विश्वविद्यालय की नीतियों को संशोधित कर सकते हैं."
कृपाण क्या है और क्यों सिख रखते हैं आपने पास, जानिए
कृपाण (Kirpan) सिखों के पांच ककार के अभिन्न अंग में से एक है. कृपाण एक खंजर है जो एक सिख (Sikh) के कर्तव्य का प्रतीक है जो संकट में लोगों की रक्षा के लिए होता है. सभी सिखों को हर समय कृपाण पहनना जरूरी होता है. इसका इस्तेमाल केवल आत्मरक्षा और दूसरों की सुरक्षा के लिए किया जाना सुनिश्चित है. यह बहादुरी और कमजोर और निर्दोषों की रक्षा के लिए खड़े होने का प्रतीक है.
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