US On India Religious Freedom: अमेरिका ने एक बार फिर भारत में धार्मिक भेदभाव के मुद्दे को उठाया है. अमेरिका ने भारत को धमकाने का भी प्रयास किया है. दरअसल, अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) के प्रमुख रब्बी अब्राहम कूपर ने दावा किया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में धार्मिक भेदभाव 'भयावह' स्तर पर पहुंच गया है. धमकी भरे अंदाज में उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर भारत में हालात नहीं सुधरे तो उसे अमेरिकी सरकार के प्रतिबंधों के लिए तैयार रहना चाहिए.
अमेरिकी आयोग (USCIRF) के प्रमुख ने कहा है, कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाला भेदभाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में भारत को अपनी राह बदलनी होगी. इससे पहले भारत ने इस क्षेत्र में बेहतर काम किया है, लेकिन अब भारत में ऐसा नहीं है. उन्होंने आगे कहा है कि भारत में धार्मिक भेदभाव से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो कि भयावह है. रब्बी अब्राहम कूपर ने अपनी बात रखते हुए भारत की तुलना अफगानिस्तान और सीरिया जैसे देशों से कर डाली.
भारत को लेकर चिंतित दिखा अमेरिका
रब्बी अब्राहम कूपर ने मंगलवार को अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिक भेदभाव राष्ट्रीय गौरव का विषय नहीं होना चाहिए. इस दौरान उन्होंने सिफारिश की है कि भारत, अफगानिस्तान, सीरिया, नाइजीरिया और वियतनाम जैसे देशों को अमेरिका सरकार को विशेष चिंता वाले देशों की सूची में डाल देना चाहिए.
प्रतिबंध लगाए जाने की सिफारिश की
अमेरिकी आयोग के प्रमुख ने उन भारतीय एजेंसियों और अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक और यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने की सिफारिश की, जो कथित तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन में शामिल हैं. गौरतलब है कि अभी हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे ओर गए थे. जहां उन्होंने अमेरिकी संसद को भी संबोधित किया था. हालांकि इस दौरान भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस मुद्दे को उठाया था.
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