अमेरिका ने कहा- चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारत जैसे पार्टनर के साथ काम करना जरूरी
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ इस समय रक्षा संबंध बहुत मजबूत हैं. भारत और अमेरिका अर्थव्यवस्था और द्विपक्षीय व्यापार को पटरी पर लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
वॉशिंगटन: अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है और चुनाव से पहले भारत और अमेरिका के बीच ट्रंप सरकार की आखिरी सबसे बड़ी राजनयिक वार्ता होगी. इस दो दिवसीय वार्ता में भारत और अमेरिका के टॉप-चार कैबिनेट मंत्री भाग लेंगे. इस बैठक में दोनों देशों के संबंधों की आगामी चार साल के लिए आधारशिला रखे जाने की संभावना है, भले ही चुनाव कोई भी जीते.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने वाशिंगटन डीसी में फॉरेन प्रेस सेंटर द्वारा आयोजित ‘कांफ्रेंस कॉल’ के दौरान संवाददाताओं से कहा, "हिमालय से लेकर दक्षिण चीन सागर तक हिंद-प्रशांत में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार के कारण हमारे लिए समान सोच रखने वाले भारत जैसे साझेदारों के साथ मिलकर काम करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है."
एक साथ मिलकर काम कर रहे भारत और अमेरिका उन्होंने कहा कि ‘अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त सहयोग’ (यूआईडीएफसी) ने भारत में निवेश परियोजनाओं में 50 करोड़ डॉलर की सहायता मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई है और हाल में मुंबई में एक प्रबंध निदेशक को नियुक्त किया है, जो भारत और क्षेत्र में निवेश को विस्तार देने में मदद करेगा.
कोरोना वैक्सीन पर भारत के साथ काम कर रही अमेरिकी कंपनियां अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 का टीका विकसित करने के संयुक्त प्रयास उल्लेखनीय प्रगति के साथ जारी है. उन्होंने बताया कि छह से अधिक अमेरिकी कंपनियां और संस्थान ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ जैसे भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर टीका खोजने का प्रयास कर रहे हैं.
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