US On Niger: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की तत्काल रिहाई और देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली का आह्वान किया. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी नाइजर की 'असंवैधानिक रूप से वैध सरकार को बदलने के प्रयासों' की कड़ी निंदा की थी.
ब्लिंकन ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बजौम से टेलीफोन पर बात की थी. हालांकि इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने कोई अधिक जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका मोहम्मद बजौम की तत्काल रिहाई और लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली की मांग कर रहा है. बता दें कि विद्रोह से पहले तक अस्थिर क्षेत्र में होने के बावजूद नाइजर अमेरिका का सबसे स्थिर सहयोगी माना जाता था.
नाइजर और अमेरिका के सम्बन्ध
ब्लिंकन ने नाइजर के साथ अमेरिका के संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि नाइजर के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत चल रही थी, जो अब कुछ दिनों के लिए बाधित हो गई है. ऑस्ट्रेलिया में समकक्षों के साथ बैठक कर रहे ब्लिंकन ने कहा कि जल्द से जल्द वहां के हालात सामान्य होने चाहिए, इसी में देश की भलाई है.
अब्दुर्रहमान त्चियानी बने राष्ट्र प्रमुख
27 जुलाई को नाइजर की सेना ने तख्तापलट कर राष्ट्रपति बजौम को राजधानी नियामे में उनके आवास पर बंधक बना लिया. साथ ही तख्तापलट करने वाले सैनिकों ने शुक्रवार को अपने नेता जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी को राष्ट्र प्रमुख घोषित कर दिया. प्रवक्ता कर्नल मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने ऐलान करते हुए कहा कि संविधान तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
नाइजर में चौथी बार हुआ तख्तापलट
दुनिया के गरीब देशों की लिस्ट में आने वाले इस देश को 1960 में फ्रांस से आजादी मिली थी, जिसके बाद यहां अब तक चार बार तख्तापलट हो चुका है. इसके साथ ही देश में तख्तापलट के कई प्रयास विफल हो चुके हैं.