नई दिल्ली: एक ओर जहां नॉर्थ कोरिया विश्व युद्ध की धमकियां दे रहा है तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका से एक ऐसी ख़बर आई है जिससे नॉर्थ कोरिया का भयावह सच सामने आ गया है. दरअसल अंग्रेज़ी ख़बरों की साइट डेली मेल ने खबर छापी है कि यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के स्टूडेंट 'ओट्टो वार्मबियर' साल 2016 में नॉर्थ कोरिया घूमने गए थे और वहां उन्हें देश के खिलाफ पोस्टर लगाकर भावनाएं भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद कई महीनों तक मुकदमा चला और अंत में 15 साल के कैद की सजा सुनाई गई.


बाद में अमेरिका के प्रयासों की वजह से ओट्टो को जून 2017 में वापस अमेरिका लाया गया जहां वापस आने के कुछ ही दिनों बाद ओट्टो की मौत हो गई. इस दर्दनाक घटना के बाद अभी कुछ ही दिनों पहले ओट्टो के माता-पिता ने फॉक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में वो दास्तां सुनाई है जिससे हर किसी का कलेजा मुंह को आ जाए.


उन्होंने बताया, "ओट्टो का मेडिकल विमान जब रनवे पर उतरा तब हम इंजन के बंद होने से पहले ही प्लेन के पास पंहुच गए. हमें इंजन के शोर में भी एक अजीब सी चीखने की आवाज सुनाई दे रही थी. पहले तो हम समझ नहीं पाए की ये किसकी आवाज है लेकिन पास जाकर देखा तो ये हमारे बेटे के चीखने की आवाज थी."


उन्होंने आगे बताया, "ओट्टो की नाक से एक नली निकल रही थी जो उसे खाना देने के लिए थी. उसके दांतों को इस तरह से तोड़ा गया था कि ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने सरौते से दांतों को उखाड़कर फिर से लगा दिया हो और शरीर में हर जगह घाव के निशान थे."


22 साल का ओट्टो जब वापस आया तो वे ज़िंदगीभर के लिए अंधा और बहरा हो चुका था. डॉक्टरों ने जब MRI रिपोर्ट्स देखीं तो कहा कि इसके दिमाग में गहरी चोटें हैं. ऐसे दर्द से गुज़र रहा ओट्टो वापस आने के कुछ ही दिनों बाद इस दुनिया को अलविदा कह गया. ओट्टो के माता पिता ने अपने बेटे के साथ हुए भयानक टॉर्चर की जो दास्तां दुनिया के सामने रखी है उससे नॉर्थ कोरियाई शासन और उसके तानाशाह किम जॉन्ग उन की बर्बरता एक बार फिर बेनकाब हुई है.