कोरोना संकट की वजह से विश्व के लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था को खामियाजा भुगतना पड़ा है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए अमेरिकी संसद ने सोमवार को 663 लाख करोड रुपये यानी 900 अरब डॉलर के कोरोना रिलीफ पैकेज को मंजूरी दी है. इस पैकेज के तहत बेरोजगारों को 300 डॉलर और जरूरतमंदों को 600 डॉलर की मदद दी जाएगी. नए प्रावधानों के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए कारोबारों, स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं की मदद की जाएगी. साथ ही टीका मुहैया कराने के लिए भी इसकी मदद ली जाएगी.

बाइडन ने रिलीफ पैकेज को बताया राहत की खबर


गौरतलब है कि  नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. लेकिन उन्होंने इससे पहले ही सत्ता संभालने और अर्थव्यवस्था को सुधारने की पुरजोर कोशिशें शुरू कर दी है. उन्होने इस संदर्भ में ट्वीट कर कहा भी कि, ‘ एक महीने में हम ठीक करना शुरू कर देंगे.’ वहीं बाइडन की टीम के मुताबिक वे सत्ता पर काबिज होने के पहले दिन से ही जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए भी तैयार हैं. बाइडन ने कोरोना रिलीफ पैकेज को भी अमेरिकी लोगों के लिए राहत की खबर कहा है.


पैकेज को लेकर काफी समय से चल रही थी बहस


बता दें कि 663 लाख करोड़ रुपये यानी 900 अरब डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी दिए जाने को लेकर काफी समय से बहस चल रही थी. वहीं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए इस समझौते पर सहमति दिए जाने के पक्ष में थे. प्रतिनिधि सभा के नेताओं ने सांसदों को सूचित किया कि सोमवार को इस विधेयक पर मतदान किया जाएगा. जिसके बाद सीनेट के बहुमत के नेता मिच मैक्कॉनेल ने राहत पैकेज से संबंधित विधेयक पर समझौते की घोषणा कर दी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘ यह अमेरिका के लोगों के लिए एक और बड़ा राहत का पैकेज है.’


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